पढ़ें, क्यों खतरे में हैं 30 हजार छात्रों का भविष्य

Wednesday, May 18, 2016 - 10:27 AM (IST)

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की अकर्मण्यता और दायित्वविहीन दृष्टिकोण के कारण 29779 विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है।


विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा समुचित गृह कार्य किए बिना रूसा प्रणाली को लागू करने से ऐसी नौबत आई है। यह शब्द धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान धर्मशाला कालेज के पी.टी.ए. प्रधान सत्येंद्र गौतम ने कहे। उन्होंने कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों में उच्चतर शिक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों के प्रवेश संबंधी आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। 


विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अपनाई गई रूसा पद्धति को कहीं भी मान्यता नहीं मिल रही है। वि.वि. की ऐसी कार्य पद्धति के कारण उच्चतर शिक्षा के लिए एक साल और नौकरी के लिए बर्बाद होने की कगार पर है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु रूसा प्रणाली की मान्यता, अन्य वि.वि. में प्रवेश के लिए समय पर परीक्षाओं का संचालन और परिणाम निकालने संबंधी कदम उठाए जाने के आदेश जारी करवाए जाएं। इस अवसर पर पी.टी.ए. उपप्रधान संजय वर्मा, कोषाध्यक्ष जोगिंद्र तथा कार्यकारी सदस्य रमेश भी मौजूद रहे।