कैंसर से बाल-बाल बचे धर्मगुरु दलाईलामा आज मना रहे हैं 81वां B''day

punjabkesari.in Wednesday, Jul 06, 2016 - 03:50 PM (IST)

धर्मशाला: कैंसर से बाल-बाल बचे बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा आज अपना 81वां जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मना रहे हैं। बता दें कि दलाईलामा ने अपने जन्मदिन के मौके पर कर्नाटक के मुंडगोड इलाके में तिब्बती परंपरा के अनुसार परिवार के साथ सुबह 6 बजे तिब्बत के तक्सर के देवता की पूजा-अर्चना की। साथ ही दलाईलामा की दीर्घायु के लिए देश-दुनिया में प्रार्थनाएं हो रही हैं। दरअसल, कुछ महीने पहले ही दलाईलामा को प्रोस्टेट की समस्या हो गई थी।


घाव ज्यादा थे जो बाद में प्रोस्टेट कैंसर का रूप ले सकते थे। लेकिन, समय रहते 3 महीने पहले ही अमेरिका में प्रोस्टेट सर्जरी करवाने के बाद दलाईलामा पूर्णतया स्वस्थ हो गए हैं। इसी दौरान तिब्बती ज्योतिषियों ने मैकलोडगंज में अपने सम्मेलन में धर्मगुरु के 113 वर्ष तक जीने की भविष्यवाणी की थी। खास बात तो यह है कि कैंसर से बचने के बारे में दलाईलामा ने 2 महीने पहले धर्मशाला के अपने दोस्त परमानंद शर्मा से किया था। बताया जा रहा है कि परमानंद शर्मा दलाईलामा की करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा किताबों का हिंदी अनुवाद कर चुके हैं।


80 वर्ष पूरे करना बड़ी उपलब्धि
तिब्बती परंपरा में जब कोई 80 वर्ष पूरे करता है तो इसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है। इसलिए, पिछले वर्ष तिब्बती कैलेंडर के अनुसार जब धर्मगुरु दलाईलामा ने 23 जून को 80वां जन्मदिन मनाया तो दुनिया भर में खुशी का माहौल रहा। पूर्व प्रधानमंत्री सामदोंग रिंपोंछे के अनुसार धर्मगुरु दलाईलामा कर्नाटक में परिवार के साथ 81वां जन्मदिन मना रहे हैं। 


दलाईलामा मंदिर में भी जश्न
सूत्रों के मुताबिक मैकलोडगंज स्थित दलाईलामा मंदिर में 81वें जन्मदिन के उपलक्ष्य पर सुबह 8 बजे से जश्न शुरू हो गया है। इस दौरान पूर्व कैदी तिब्बती राजनीतिक नेता के जीवन पर चीनी भाषा में किताब का विमोचन भी हुआ। इसके अलावा कोमिक किताब दलाईलामा सॉल्जर और पीस का हिंदी संस्करण भी लांच किया गया। सच यह है कि 1959 से पहले दलाईलामा तिब्बत में परिवार सहित तिब्बती कैलेंडर के तहत हर साल के 5वें महीने की 5 तारीख को जन्मदिन मनाते थे। लेकिन, 1959 के बाद जब तिब्बत छोड़ दिया तो दलाईलामा ने हर साल 6 जुलाई को अपना जन्मदिन मनाने का फैलसा लिया। तब से दलाईलामा हर साल 6 जुलाई को जन्मदिन मनाते आ रहे हैं। 


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