हिमाचल में गूंज रही ‘नफरतवाणी’

Wednesday, May 25, 2016 - 12:04 AM (IST)

धर्मशाला: धर्मशाला के आसपास के क्षेत्रों में अब एक बार फिर उर्दू व अरबी भाषा में रेडियो प्रसारण आरंभ हो गया है। इस रेडियो की तरंगे धर्मशाला और सिद्धबाड़ी सहित आर्मी एरिया योल कैंट के आसपास साफ-साफ सुनाई दे रही हैं।

 

पंजाब केसरी ने कुछ माह पहले जब खड़ौता गांव में उर्दू भाषा में संचालित होने वाले एक रेडियो चैनल के प्रसारण का खुलासा किया था तो उसके तुरंत बाद यह सिग्रल अचानक बंद हो गए थे। उस दौरान पुलिस ने अपनी जांच टीमें खड़ौता में मिल रहे सिग्रल की जांच के लिए भेजी थीं लेकिन कुछ समय बाद इसे मात्र एक सैटेलाइट फ्रिक्वैंसी करार दिया गया था। अब यह धर्मशाला के निचले मैदानी इलाके में भी मिलना शुरू हो गया है।

 

इस रेडियो चैनल पर उर्दू-अरबी में लंबे-लंबे व्याख्यान चलते हैं और फिर कुछ लम्हों के लिए उर्दू व ङ्क्षहदी के मिश्रण में संदेश चलते हैं। इन संदेशों में मजहवी संदेश अधिक दिए जाते हैं। इसी तरह की कई नफरत भरी वाणियां गूंज रही हैं। इस प्रकार के प्रसारण को सुरक्षा एजैंसियों व पुलिस विभाग को गंभीरता से लेना चाहिए। जिन अहम इलाकों में रेडियो बज रहा है, वे हर लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं।

 

कुछ माह पहले धर्मशाला के साथ लगते खड़ौता गांव की पहाडिय़ों में लो फ्रिक्वैंसी रेडियो सिग्रल मिलने का खुलासा हुआ था। इस रेडियो प्रसारण का समय दिन में अलग-अलग समय पर हो रहा है। पहले इसका प्रसारण पहाड़ी इलाके खड़ौता में लगातार चला ही रहता था लेकिन अब मैदानी क्षेत्रों में इसका प्रसारण सुबह व दोपहर के समय साफ तौर पर हो रहा है।

 

रेडियो विशेषज्ञों की मानें तो इस लो फ्रिक्वैंसी के लिए एक किलोवाट से लेकर 5 किलोवाट तक का ट्रांसमीटर प्रयोग में लाया जा रहा है जिसकी रेंज 15 से 20 किलोमीटर तक हो सकती है। इसकी फ्रिक्वैंसी 93.4 दर्शायी जा रही है।