यहां राधा-कृष्ण की मूर्ति की जगह शिवलिंग की स्थापना पर छिड़ा विवाद!

Monday, Apr 25, 2016 - 04:21 PM (IST)

ज्वाली: प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल बाथू की लड़ी में बजरंग दल द्वारा शिवलिंग की स्थापना के लिए उठाए गए कदम पर विवाद छिड़ गया है।


सिद्धाथा बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक राकेश जम्वाल एवं सचिव तिलक चौधरी ने बताया कि जिस जगह पर बजरंग दल द्वारा शिवलिंग की स्थापना की बात की जा रही है, वहां पर पहले राधा-कृष्ण की मूर्ति हुआ करती थी और हजारों की तादाद में लोग जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में उनकी पूजा किया करते थे तथा हर महीने की पूर्णिमा को यहां सत्यनारायण की कथा की जाती थी। उन्होंने बताया कि करीब 8-10 वर्ष पहले यह मूर्ति वहां से गायब हो गई थी परंतु जब भी गर्मियों में यह मंदिर पानी से बाहर निकलता है तो काफी संख्या में श्रद्धालु यहां राधा-कृष्ण की पूजा करने आते हैं और जहां राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित थी, वहीं पर माथा टेकते हैं, उनका आशीर्वाद लेते हैं। 


उन्होंने बताया कि सिद्धाथा बचाओ संघर्ष समिति द्वारा पिछले दिनों भी एक बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि उक्त स्थान पर फिर से राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाएगी। उन्होंने बजरंग दल द्वारा भगवान शिव की मूर्ति स्थापित किए जाने के निर्णय का विरोध करते हुए बताया कि वे भगवान शिवलिंग की स्थापना राधा-कृष्ण की जगह पर न करें। उन्होंने तर्क देते हुए बताया कि यह मंदिर ठाकुरों का था, वहां पर सबसे पहले राधा-कृष्ण की ही मूर्ति लगाई जानी चाहिए।


उन्होंने कहा कि पहले इस मंदिर में सभी मंदिरों की तरह राधा-कृष्ण की मूर्ति को लगाया जाए, इसके पश्चात अन्य देवताओं की मूर्तियां भी इसके बगल में लगाई जाएं। इस मौके पर पंडित पंकज शर्मा, ओम प्रकाश ठाकुर, बाबू प्यारे लाल, समकेहड़ प्रधान मोनू चौधरी, झौंका रतियाल प्रधान सुभाष ठाकुर व खरोटा प्रधान देस राज इत्यादि उपस्थित रहे।