हकों के लिए एकजुट हों पूर्व सैनिक

Sunday, Feb 14, 2016 - 01:28 AM (IST)

पालमपुर: भूतपूर्व सैनिक लीग पालमपुर का वार्षिक सम्मेलन शनिवार को लीग के अध्यक्ष सीडी सिंह गुलेरिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इसमें भूतपूर्व सैनिक लीग के प्रदेश अध्यक्ष एवं पर्यटन निगम के उपाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, वहीं लीग के प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता केसी ठाकुर, प्रदेश महासचिव कर्नल वाई.एस. राणा ने विशेष तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। मेजर मनकोटिया ने कहा कि भारत माता की सरहदों में शहादत देने में पालमपुर का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कहा कि पालमपुर से ही 2 परमवीर चक्र विजेताओं सहित अनेकों लोगों ने वीरता पुरस्कार हासिल किए हैं।

 

वन रैंक-वन पैंशन योजना में खामियों को दूर करने का सरकार से आग्रह करते हुए मेजर मनकोटिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरा कर देश के पूर्व सैनिकों का सम्मान बढ़ाया है। इसके लिए प्रदेश के भूतपूर्व सैनिक केंद्र सरकार विशेष कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के आभारी है। उन्होंने ओआरओपी में विसंगतियों के लिए अफसरशाही को दोषी ठहराते हुए कहा कि रक्षा मुद्दों के ज्ञान के अभाव में जनप्रतिनिधियों को गुमराह किया जाता रहा। उन्होंने बताया कि अब विसंगतियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 4 सदस्यीय कमेटी गठित करने की बात कही है जोकि 6 माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

 

उन्होंने अपने हकों के लिए पूर्व सैनिकों को एकजुट होने की बात कही। इससे पहले लीग के कोषाध्यक्ष कैप्टन ओंकार सिंह ने वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। सम्मेलन को प्रदेश उपाध्यक्ष केसी ठाकुर व महासचिव कर्नल आईएस राणा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर कर्नल पठानिया, सूबेदार मेजर केबीएस शर्मा, वीरचक्र विजेता कैप्टन गोवर्धन सिंह, कैप्टन सुभाष शर्मा, बैनी प्रसाद, प्रवक्ता कुलदीप राणा, संतोष कटोच, रतन चंद कटोच, कैप्टन शंकर सिंह राणा, वीरांगना रतो देवी, तृप्ता, कमला, सीमा, मीरा व विद्या सहित लगभग 500 पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।

 

भर्ती कोटा बहाल करने की मांग
लीग के अध्यक्ष सीडी सिंह गुलेरिया ने ओआरओपी में विसंगतियों को प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सिपाही का वेतन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से भी कम आंका है, वहीं विधवा पैंशन भी कम रखी गई है। उन्होंने चिंता जाहिर की कि अफसरशाही व राजनीतिज्ञ अपने वेतन और भत्ते मनमर्जी से बढ़ा लेते हैं मगर जब सैनिकों की बारी आती है तो सोचते हैं। उन्होंने वेतन बढ़ौतरी व महंगाई भत्ते में प्रतिशत के फार्मूले को भी रद्द करने की मांग की। उन्होंने भर्ती कोटा बहाल करने की भी सरकार से मांग की तथा सदस्यता बढ़ाने पर बल दिया।