कांगड़ा में चिकन पॉक्स ने जकड़े दर्जनों बच्चे

Monday, Nov 02, 2015 - 01:25 AM (IST)

कांगड़ा: कांगड़ा नगर में दर्जनों बच्चे संक्रमित रोग चिकन पॉक्स की चपेट में आ गए हैं। रोग की चपेट में 8 से 15 साल तक के बच्चे ज्यादा संख्या में हैं। नगर के एक निजी स्कूल में चिकन पॉक्स से पीड़ित बच्चों का आंकड़ा 3 दर्जन की संख्या को पार कर गया है, साथ ही 3 अध्यापिकाएं भी इस रोग की चपेट में आई हैं। स्कूल की विभिन्न कक्षाओं में लगातार बढ़ रहे रोगियों की तादाद के चलते अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं।

 

शनिवार को अस्पताल की ओपीडी में धीरज पुराना कांगड़ा, प्रत्यूष रानीताल, सोनम और राहुल सहित 9 रोगी उपचार के लिए आए हैं। सिविल अस्पताल में तैनात शिशु रोग विशेषज्ञ डा. प्रवीण बिज ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में रोजाना चिकनपॉक्स से पीड़ित रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। नगर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में इस रोग से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक है।

 

झाड़-फूंक से हो रहा इलाज
पुराना कांगड़ा में झाड़-फूंक से चिकनपॉक्स का उपचार करने वाले ज्ञान चंद मैहरा ने बताया कि रोजाना इस रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ रही है। 5 दिन सुबह-शाम मंत्रोच्चारण करने से इस रोग का उपचार पूर्णतया संभव है। उन्होंने बताया कि इस दौरान रोगी को पूर्णतया विश्राम व खाने-पीने का परहेज करना जरूरी है।

 

बीएमओ डा. स्नेहलता सूद ने बताया कि चिकनपॉक्स अगर एक बच्चे को हो गई तो उसके साथ बैठने या रहने वाले दूसरे बच्चों को जरूर होगी। बच्चों को जिंदगी में एक बार चिकनपॉक्स निकलता है। इसमें एहतियात यही है कि जिन बच्चों को यह रोग हुआ है, वे 5 से 7 दिन तक स्कूल न जाएं। इस रोग से पीड़ित रोगी को आइसोलेशन करनी पड़ती है। सिविल अस्पताल कांगड़ा, तकीपुर और त्यारा में चिकनपॉक्स के मामले आ रहे हैं।