जनवरी में शुष्क मौसम के दौर के चलते घाटी में किसानों की चिंता बढ़ी

Sunday, Jan 28, 2018 - 02:13 PM (IST)

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में वर्ष 1980 के बाद से ऐसा पहली बार है जब इस साल जनवरी के महीने में अब तक बारिश या हिमपात नहीं हुआ है। इससे किसानों खासकर धान की खेती करने वालों के बीच गर्मी के मौसम में पानी की उपलब्धता को लेकर  चिंताएं बढ़ गई हैं।

बारिश या हिमपात की दुआ कर रहे किसानों को संभवत: इसका जवाब मिल सकता है, क्योंकि मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारी ने कल कश्मीर में व्यापक बारिश या हिमपात का पूर्वानुमान जताया है और उम्मीद है कि यह जनवरी पूरी तरह से शुष्क नहीं बीतेगी।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस महीने सोमवार को घाटी में बारिश होने का प्रबल पूर्वानुमान है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नए साल की पूर्व संध्या से कश्मीर में कहीं बारिश या बर्फबारी नहीं हुई। वर्ष 1980 के बाद से जनवरी महीने में शुष्क मौसम का यह सबसे लंबा दौर है।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘इस साल जनवरी महीने के दौरान कश्मीर में मौसम प्रणाली में तेजी से बदलाव हुए। महीने के दौरान कई बार बारिश या हिमपात का पूर्वानुमान बताया गया, लेकिन कुछ बदलावों के चलते इसकी संभावनाएं घट गई।’’

अपने पारंपरिक अनुभवों के आधार पर एक किसान ने कहा कि आम तौर पर जनवरी महीने में शुष्क मौसम रहने के बाद फरवरी में भारी बारिश या बर्फबारी होती है। उम्मीद है कि फरवरी में हमें राहत मिलेगी। बहरहाल बारिश या बर्फबारी नहीं होने से फल एवं सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसान भी चिंतित हैं।

इसके कारण सेब एवं अन्य फलदार वृक्ष सूखने लगे हैं।  राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शुष्क मौसम चिंता का विषय है लेकिन खतरे की कोई बात नहीं है। कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अब भी सर्दी के मौसम के दो महीने बाकी हैं। उम्मीद और दुआ करते हैं कि जल्द बारिश हो।’’