युग हत्याकांड : हत्यारोपियों को फांसी की सजा मांग रहा परिवार

Thursday, Jun 28, 2018 - 10:50 PM (IST)

शिमला: युग अपहरण और मर्डर केस में शुक्रवार को सुनवाई होगी। अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच बहसबाजी पूरी होने के बाद जिला और सत्र न्यायालय ने मामले की सुनवाई के लिए 29 जून की तारीख तय की थी, ऐसे में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकीं हैं। इस मामले में जांच एजैंसी सी.आई.डी. ने 3 आरोपियों चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल और विक्रांत बक्शी को गिरफ्तार किया था। अभियोजन और बचाव पक्ष के बीच बहसबाजी पूरी होने के बाद जिला और सत्र न्यायालय ने गुनहगारों के किए की सजा सुनाने के लिए 29 जून की तारीख तय की है। आरोपियों के गुनाह को साबित करने के लिए अदालत में 105 गवाह पेश किए गए।


युग के हत्यारोपियों को मिलनी चाहिए फांसी की सजा
युग के अभिभावकों ने पंजाब केसरी से बातचीत में कहा कि हमारे लाडले युग के हत्यारोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। जिस तरह मासूम युग को तड़पाया गया था, उसी तरह हत्यारों को भी तड़पाया जाए, तभी न्याय मिलेगा एवं युग की आत्मा को भी शांति मिल सकेगी। नम आंखों से उसके अभिभावक एक ही बात बताते हैं कि अभी भी उनके जख्म ताजा हैं। उसकी बातें अभी भी कानों पर गंूजती हैं। हमारे दिल के टुकड़े को अलग करने वालों को भगवान भी कठोर सजा जरूर देंगे।


युग के हत्या करने वाले किसी राक्षस से कम नहीं : दादी
युग की दादी का कहना है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं और युग के हत्या करने वाले किसी राक्षस से कम नहीं हैं, जिन्होंने मासूम को भी नहीं बक्शा। वह बतातीं हैं कि रोजाना एक ही तस्वीर उनकी आंखों के सामने आती है और वह है युग की। उन्होंने कहा कि इस उम्र में मुझे ऐसा दर्द मिलेगा, ऐसा मैंने कभी सोचा नहीं था। युग के हत्यारों को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए। युग के परिजनों ने न्यायालय पर भरोसा जताया है। उन्हें उम्मीद है कि न्यायालय अवश्य युग के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाएगा।


आज 8 साल का होता मेरा युग : माता
युग की माता पिंकी गुप्ता नम आंखों से एक ही बात कह रही हैं कि उनका युग आज 8 वर्ष का हो जाता। युग का नाम लेते ही उनकी आंखों से आंसू टपकना शुरू हो जाते हैं। वह कहती हैं कि मुझसे मेरे लाडले को अलग करने वालों को मौत की सजा भी कम है।


कभी नहीं भर सकेंगे जख्म : पिता
युग के पिता विनोद कुमार ने बताया कि आज वह कोर्ट में जाएंगे। उन्हें पूरी उम्मीद है कि न्यायालय हत्यारों को फांसी की सजा सुनाएगा, तभी युग की आत्मा को शांति मिलेगी। विनोद का यह भी कहना है कि युग के हत्यारों को सजा मिलने के बाद भी उनके जख्म ताजा रहेंगे क्योंकि उनके जिगर का टुकड़ा कभी भी वापस नहीं आएगा।


ऐसे किया किडनैप, फिर टैंक में फैंका
आरोपियों ने युग को उसके राम बाजार स्थित घर के पास से किडनैप किया। आरोपियों ने उसे पहले लोअर बाजार में ही एक आरोपी के घर में छुपाया था। इसके  बाद उसे बेहोश कर एक बॉक्स में डी.डी.यू. अस्पताल से होकर पुराना बस स्टैंड ले गए और वहां से गाड़ी में बिठाकर जाखू पहुंचाया। जहां पर उन्होंने करीब एक हफ्ते तक युग को रखा। जांच के दौरान सामने आया है कि अपराधियों ने मासूम को शराब भी पिलाई। इसके बाद युग को बेहोशी की स्थिति में गाड़ी में भराड़ी स्थित नगर निगम के टैंक तक पहुंचाया। यहां अपराधियों ने बड़े पत्थर से बांधकर मासूम को टैंक में फैंक दिया।


मोबाइल फोन से सुलझी गुत्थी
युग अपहरण एवं हत्या मामले की गुत्थी मोबाइल फोन से सुलझी थी। मामले में सी.आई.डी. के पास यह सबसे बड़ा एविडैंस है। जांच टीम को मामले की छानबीन में एक मोबाइल फोन से ऐसी वीडियो हाथ लगी थी जो युग को किराए के कमरे में प्रताडि़त करते हुए बनाई गई थी। इसमें 4 साल का युग बचाने की गुहार लगा रहा है। आरोपियों से जुड़े एक अन्य मामले की जांच के तहत बरामद किए मोबाइल से वह वीडियो मिली थी। मोबाइल फोन बरामद कर मालखाने में रखा गया था। फोरैंसिक लैब में वीडियो की हुई जांच के बाद सी.आई.डी. ने जांच को आगे बढ़ाया और आरोपियों को पकड़ा।


शातिर पोस्ट ऑफिस से भेजते थे पत्र
सी.आई.डी. जांच में आरोपियों ने यह भी खुलासा किया था कि वे चौड़ा स्थित पोस्ट ऑफिस के बॉक्स से युग के परिजनों को पत्र भेजते थे। इसके तहत उनके द्वारा सूत्रों के अनुसार पैसों की मांग की जाती थी। आरोपियों ने करीब 3 पत्र भेजे थे।


बॉक्स पर चप्पल
जांच के दौरान जब आरोपियों को निशानदेही के लिए लोअर बाजार ले गए तो उन्होंने बताया कि घर के अंदर एक कोने में उन्होंने चप्पल को छुपाया था और उसके बाद उसे बैड पर बिठाकर शराब पिलाई और बेहोश कर दिया।


किराए के कमरे में कर रखा था कैद
किडनैप करने के बाद आरोपियों ने युग को नवबहार के पास किराए के कमरे में रखा था। एक हफ्ते तक आरोपियों ने युग को तरह-तरह की यातनाएं दीं। नशे में धुत्त होकर आरोपी युग को बूरी तरह से प्रताडि़त करते थे। इतना सब कुछ करने के बाद जब आरोपियों का मन नहीं भरा तो उसे रात के समय एक पत्थर के साथ बांध कर टैंक में डाल दिया।


हिमाचल के सभी टैंकों की हुई तालाबंदी
मासूम युग का शव (कंकाल) नगर निगम के भराड़ी वार्ड स्थित एक पेयजल के टैंक से बरामद किया गया था। इसके बाद सरकार ने हरकत में आते हुए सभी टैंकों की तालाबंदी करने की दिशा में कदम उठाए। सी.आई.डी. ने विक्रांत बक्शी की निशानदेही पर 22 अगस्त, 2016 को भराड़ी स्थित नगर निगम के टैंक से कंकाल की कुछ हड्डियां बरामद की थीं। सी.आई.डी. ने इस दौरान वह पत्थर भी बरामद किया जिसके साथ उसे बांधकर टैंक में फैंका गया था। 25 अक्तूबर, 2016 को आरोपियों के खिलाफ सभी तरह के एविडैंस जुटाने के बाद अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी।


पड़ोसी ही निकला आरोपी
आरोपी चंद्र युग के पिता विनोद गुप्ता का पड़ोसी था। ऐसे में पल-पल की अपडेट के लिए वह पुलिस के साथ घूमता था। ऐसे में पुलिस ने भी चंद्र पर कोई शक नहीं किया। पुलिस को लगा कि युग को ढूंढने के लिए वह हमारी मदद कर रहा है जबकि चंद्र शर्मा, तेजेंद्र पाल और विक्रांत बख्शी ही युग के आरोपी थे।


जब गुस्साए लोगों ने बरसाए लात-घूंसे
गिरफ्तारी के  बाद जब आरोपियों को कोर्ट ले जाया जा रहा था तो कोर्ट परिसर के बार गुस्साई भीड़ ने उन पर लात-घूंसे भी बरसाए थे। इस दौरान लोगों ने आरोपियों की पिटाई की। खासी मशक्कत के बाद आरोपियों को गुस्साई भीड़ के चुंगल से छुड़ाया गया था।


कब क्या हआ
- 14 जून, 2014 को युग का अपहरण हुआ। इसके बाद परिजनों ने सदर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
- 15 जून  छानबीन शुरू, पुलिस को नहीं मिला सुराग, परिजनों की मांग पर सी.आई.डी. को जांच का जिम्मा।
- 20 अगस्त, 2016 को सी.आई.ड़ी. ने विक्रांत कि रूप में की पहली गिरफ्तारी।
- 22 अगस्त, 2016 को विक्रांत की निशानदेही पर युग का कंकाल बरामद, चंद्र शर्मा व तेजेंद्र पाल की गिरफ्तारी।
- 25 अक्तूबर को सी.आई.डी. ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की।
- 20 फरवरी, 2017 को जिला एवं सत्र न्यायालय में ट्रायल शुरू हुआ।
- 20 से 28 मार्च तक पहला ट्रायल।
- 16 मई से 1 जून तक फिर ट्रायल हुआ। बीच में 14 से 22 सितम्बर और 16 से 20 नवम्बर को फिर ट्रायल हुए।
- 7 से 8 ट्रायल में अभियोजन पक्ष ने 105 गवाह कोर्ट में पेश किए।
- 27 फरवरी को प्रासिक्यूशन विटनैस पूरी हुई।
- 5 मार्च को आरोपियों के 313 के बयान रिकार्ड किए गए।
- 27 अप्रैल को बयान रिकार्ड करने के बाद आरोपियों को डिफैंस एविडैंस का मौका दिया गया।
- 8 मई को आरोपियों ने डिफैंस में एविडैंस पेश करने से मना किया। आरोपियों के डिफैंस एविडैंस से मुकरने पर कोर्ट ने बहसबाजी की तारीख तय की।

Vijay