मिंजर मेले की छठी संध्या में बब्बू मान के गीतों पर जमकर नाचे युवा

Friday, Jul 28, 2017 - 09:55 PM (IST)

चम्बा: ऐतिहासिक मिंजर मेला की छठीं सांस्कृतिक संध्या पंजाबी गायक बब्बू मान के नाम रही। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरूआत तेरे सारे पिंडा नू पत्तियां ना सजा दूंगा से की। इसके बाद उन्होंने चन चानणी रात मेहरबान व मितरां नूं शौक हथियारा दा आदि एक के बाद एक अपने हिट पंजाबी गीत पेश कर युवा पीढ़ी को जमकर नचाया। इससे पूर्व हिमाचल व पंजाबी कलाकारों ने अपने-अपने क्षेत्रों की लोक संस्कृति की छटा अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से बिखेरी। सांस्कृतिक संध्या का आगाज चम्बयाली लोकगायन मुसाधा से हुआ। इसके बाद चम्बा की सुप्रसिद्ध लोकगायन कुंजडी मल्हार अजीत भट्ट एंड पार्टी ने पेश किया। 



इन कलाकरों ने भी दी प्रस्तुति
इसके बाद बिलासपुर के कलाकार रविंद्र कुमार, संजय डांस ग्रुप चम्बा, माधविका, पूनम चौहान, शीतल, लोकगायक प्रमोद शाह, काकू राम, गणेश, कलजीत व मनप्रीत ने अपनी प्रस्तुतियां दी। वहीं सरस्वती म्यूजिकल ग्रुप चम्बा के कलाकारों व सामरा के कलाकारों ने नृत्य पेश किया। खुशी व मुस्कान बहनों की जोड़ी ने सूफी गीत पेश किए। मिंजर मेला की छठी सांस्कृतिक संध्या के मुख्यातिथि के रूप में सैशन जज चम्बा योगेश जसवाल ने शिरकत की। डी.सी.चम्बा सुदेश मोख्टा ने मुख्यातिथि को शॉल, टोपी व स्मृतिचिंह भेंट कर सम्मानित किया।



बब्बू मान ने खोली साऊंड सिस्टम की पोल
बब्बू मान ने अपने कार्यक्रम को कुछ देर के लिए रोक कर साऊंड सिस्टम की पोल खोल दी। वह बार-बार साऊंड वाले को साऊंड बढ़ाने के लिए कहते रहे। काफी देर तक साऊंड को ठीक करते हुए उन्होंने पूछा कि लाइनर नहीं है तो साथ ही कहा कि जब सुनने वालों को मजा नहीं आए तो उस काम के पैसे लेने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि इससे बेहतर तो खेतों में खुले में गाने पर आवाज बिना साऊंड सिस्टम के अधिक सुनाई देती है। यह पहला मौका है जब मिंजर मेला में साऊंड सिस्टम को लेकर गायकसंतुष्ट नहीं दिखे। इस पर लोगों का कहना था कि भले ही मिंजर मेला आयोजन समिति पैसे बचाने का राग आलापे लेकिन जहां पैसा खर्च करने की जरूरत है वहां तो कम से कम कंजूसी नहीं दिखानी चाहिए थी। 



डी.सी. चम्बा को मखौटा बुलाने पर लगे ठहाके
छठीं सांस्कृतिक संध्या में बब्बू मान के साथ आए उनके एनाऊंसर अपने संबोधन में बार-बार डी.सी. चम्बा सुदेश मोख्टा को सुदेश मखौटा कह कर बुलाते रहे तो उनकी इस बात पर लोग खूब ठहाके लगाते रहे।