वाह रे कसोल, क्या यही है तेरा स्वच्छता में रोल

Friday, Aug 03, 2018 - 10:38 PM (IST)

कुल्लू: मिनी इजराईल के नाम से प्रसिद्ध कसोल इन दिनों गंदगी से अटा पड़ा है। एक ओर जहां जिला को स्वच्छता के लिए पुरस्कार मिल चुके हैं, वहीं प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल में गंदगी का अंबार हैं जोकि प्रशासन के स्वच्छता के दावों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। कुल्लू से कसोल की दूरी मात्र 42 किलोमीटर है। अगर मणिकर्ण की बात करें तो यहां रास्ते में एक सुंदर स्थान आता है। विदेशी पर्यटकों का कुनबा अधिकतर यहीं पर आता है। कसोल हाल ही में अवैध रूप से चलाए जा रहे होटलों को लेकर सुर्खियों में था, ऐसे में इन होटलों पर प्रशासन का चाबुक चला था।

स्वच्छ भारत मिशन अभियान की खुल रही पोल
धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण के साथ लगते प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान की पोल खुल रही है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल में हर वर्ष देश-विदेश से लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं और यहां की गंदगी से देश-विदेश में खराब तस्वीर व संदेश जा रहा है जिससे प्रदेश सरकार व प्रशासन की स्वच्छता को लेकर छवि खराब हो रही है। पार्वती नदी में टनों के हिसाब से ठोस व तरल कचरा फैंका जा रहा है जिससे जीव-जंतुओं के साथ पर्यावरण को भी नुक्सान हो रहा है।

देश-विदेश से आए सैलानियों को हो रही परेशानी
स्थानीय निवासी शम्भू राम, हुकम, किशन, राज, दिले राम, नरोत्तम, मेहन्द्र व हीरा लाल ने कहा मणिकर्ण घाटी में एक भी डंपिंग साइट न होने के कारण जगह-जगह गंदगी पार्वती नदी में फैंकी जा रही है जिससे पार्वती नदी व ग्राहण नाले की गंदगी ब्यास नदी में जा रही है। उन्होंने कहा कि कसोल, मणिकर्ण, जरी व बरशैणी में कूड़ेदान का उचित प्रबंधन नहीं है जिससे चारों तरफ  फैली गंदगी से देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जंगलों में कई जगह गंदगी से वातावरण पर बुरा असर पड़ रहा है और पर्यावरण में लगातार हो रहे बदलाव के कारण इसका सीधा असर फसलों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ  से डंपिंग साइट का उचित प्रबंध नहीं किया गया है।

क्यों प्रसिद्ध है कसोल
2 दशकों में कसोल ने पर्यटन के मानचित्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा ली है। इसका सीधा सा कारण है कसोल की प्राकृतिक खूबसूरती। इसी कारण कसोल में इजराईल, अमरीका, फ्रांस व जापान सहित अन्य देशों के पर्यटक भी आते हैं। देश के अन्य हिस्सों में प्रचंड गर्मी के कारण अधिकतर विदेशी यहां आते हैं। कसोल को मिनी इजराईल के नाम से भी जाना जाता है। पहले कसोल में सिर्फ  6 माह का ही पर्यटन सीजन होता था लेकिन अब पूरे साल यहां पर्यटकों की आमद रहती है।

क्या कहते हैं कुल्लू के डी.सी.
कुल्लू के डी.सी. यूनुस ने कहा कि प्रशासन की तरफ  से डंपिंग साइट को उचित स्थान तलाशा जा रहा है जिसके लिए टीम का भी गठन किया गया है जोकि स्थान को चिन्हित कर रही है। प्रशासन को जगह मिलती है तो तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

Vijay