तस्वीरों में देखिए, दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा शुरू

Wednesday, Aug 02, 2017 - 11:34 AM (IST)

रिकागंपिओ: दुनिया की सबसे दुर्गम, सुंदर और अद्‍भुत यात्रा शुरू हो गई है। कैलाश मानसरोवर वही पवित्र जगह है, जिसे शिव का धाम माना जाता है। कैलाश पर्वत 22,028 फीट ऊंचा एक पत्थर का पिरामिड, जिस पर सालभर बर्फ की सफेद चादर लिपटी रहती है। मानसरोवर को ‘कैलाश मानसरोवर तीर्थ‘ के नाम से जाना जाता है। हर साल कैलाश-मानसरोवर की यात्रा करने, हजारों श्रद्धालु, साधु-संत और दार्शनिक यहां जाते हैं। इस स्थान की पवित्रता और महत्ता बहुत अधिक मानी गई है। प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रारंभ 1 अगस्त से हो गया है। किन्नौर के लिए आधिकारिक तौर से जारी यह यात्रा 12 अगस्त तक जारी रहेगी।



27 लाख रुपए की लागत से सराय भवन का निर्माण किया
मान्यता है कि कैलाश पर्वत के रास्ते 33 कोटि देवता आते हैं और सरोवर में स्नान करते हैं, इसलिए सरोवर का जल सदैव स्थिर रहता है और हर घंटे रंग बदलता है। संभवत: इसी मान्यता और गहरी आस्था के कारण लोगों को ऐसे अनुभवों का आभास होता है। इस यात्रा के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब, हरियाणा एवं दिल्ली सहित देश भर से भक्तों का जत्था जिला किन्नौर के पोवार स्थित पहली बेस कैंप में पहुंच रहा है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वन विभाग द्वारा गणेश पार्क में 27 लाख रुपए की लागत से सराय भवन का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के लिए विभाग द्वारा 5 किलोमीटर पेयजल की पाइप बिछा कर पेयजल की व्यवस्था की है। 



यात्रा को सफल बनाने के लिए तैयारी पूरी
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने 6 हिमाचल पुलिस व 6 हिमाचल होमगार्ड के जवानों को किन्नौर मार्ग के विभिन्न स्थानों पर तैनात की है। सहायक आयुक्त सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी करके मंगलवार से आधिकारिक तौर से शुरू की है। पोवारी के पास यात्रा पर जाने वाले सभी यात्रियों की रजिस्ट्रेशन की जा रही है। सरकारी आंकडों की बात किया जाए तो पिछले साल 26 हजार शिव भक्तों ने किन्नर कैलाश के दर्शन किए थे।