वर्कर्ज के सामूहिक अवकाश से 30 गांवों को नहीं मिल रहा पानी, जानिए वजह

Thursday, May 04, 2017 - 03:38 PM (IST)

बिलासपुर: पीर भ्याणू पेयजल योजना में कार्यरत वर्कर्ज ने अपनी पूर्व चेतावनी के तहत अपनी मांगों को लेकर बुधवार को न केवल सामूहिक अवकाश किया बल्कि इस योजना के पंप हाऊस को भी पूरी तरह बंद रखा जिस कारण 5 पंचायतों तल्याणा, हरलोग, हवाण, भलस्वाय और चलैहली के करीब 30 गांवों को पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। हालांकि वर्कर्ज ने इस बाबत विभाग को पहले सूचना दे दी थी लेकिन इसके बावजूद विभाग ने पेयजल की कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की जहमत नहीं उठाई जिस कारण न केवल क्षेत्र की करीब 50 हजार आबादी बल्कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तल्याणा व हवाण, माध्यमिक पाठशाला तंथा व बरड़ी और प्राथमिक पाठशाला जुखान, चुराड़ी, सिंदर व भेड़ी के विद्यार्थियों को भी पेयजल किल्लत से जूझना पड़ा। 


मांगों को पूरा नहीं किया गया तो बंद कर दिया जाएगा इस पेयजल योजना को
इस पेयजल योजना को सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग ने एक ठेकेदार को ठेके पर दे रखा है। पेयजल योजना में कार्यरत फिटर जोगिंद्र सिंह, पंप आप्रेटर दीप कुमार, सुरेश कुमार, अनिल कुमार, वाटर गार्ड सूरत राम, चौकीदार विनोद कुमार, देसराज व निशू कुमार तथा हैल्परों योगराज व ईश्वर चंद्र ने बताया कि संबंधित पेयजल योजना के ठेकेदार द्वारा उन्हें पिछले 8 महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित ठेकेदार व विभाग को ऑल हिमाचल पी.डब्ल्यू.डी., आई.पी.एच. एंड कांट्रैक्चुअल वर्कर यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर गत 10 अप्रैल को एक ज्ञापन दिया था तथा ज्ञापन में मांगों को 24 अप्रैल तक पूरा करने की चेतावनी दी थी लेकिन इसके बावजूद विभाग ने उनकी मांगों को पूरा करवाने के प्रयास नहीं किए। इन वर्कर्ज ने पंप हाऊस के पास अपनी मांगों को लेकर आई.पी.एच. विभाग व संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की। उन्होंने बताया कि यदि 8 मई तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 9 मई से इस पेयजल योजना को बंद कर दिया जाएगा। 


ये हैं मांगें
प्रत्येक कांट्रैक्चुअल वर्कर को ठेकेदार से नियुक्ति पत्र दिलवाने, प्रत्येक पंप आप्रेटर से 8 घंटे काम लेने तथा इससे ज्यादा काम लेने पर ओवर टाइम देने, प्रत्येक वर्कर को साप्ताहिक अवकाश देने, प्रत्येक वर्कर को मासिक वेतन का विवरण देने व मासिक वेतन प्रत्येक माह 5 तारीख को देने, सभी वर्कर्ज को सुरक्षा उपकरण देने, वर्दी देने, चिकित्सा बिलों की अदायगी करने, चिकित्सा, अर्जित व आकस्मिक अवकाश देने, ई.पी.एफ. काटने, पहचान पत्र देने, वरिष्ठता सूची बनाने, काम छोड़ने वाले वर्कर्ज को उनकी दैनिक स्तर अवधि की गै्रच्युटी एक्ट 1972 के तहत देने, एक साल की अवधि पूरी करने वाले वर्कर्ज को वाॢषक वेतन वृद्धि देने व वर्कर्ज को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत समान काम का समान वेतन देने की मांग की है।