आतंकियों से जीता, सिस्टम से हारा सैनिक, अब करना पड़ रहा कुछ ऐसा
punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2020 - 05:19 PM (IST)
देहरा (राजीव शर्मा) : उपमंडल देहरा के अंतर्गत आती ग्राम पंचायत नौशहरा में सैनिक परिवार का बेटा आतंकवादियों से तो जीत गया लेकिन सरकारी सिस्टम के आगे हार गया। पंकज राणा अपने एंबुलैंस रोड को पक्का करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर है। उसकी छुट्टियां काम करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों व नेताओं के आगे पीछे ही बीत जाती है। लेकिन आज पंकज राणा अपने परिवार व समाजसेवी बड़का भाऊ संजय राणा के साथ देहरा के मिनी सचिवालय के बाहर मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो गया है।
सरकारी कार्यालयों की लचर व्यवस्था के आगे बेबस भारतीय सेना में तैनात सैनिक का मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करना सरकार व प्रशासन के मुंह पर तमाचा है। वहीं बड़का भाऊ ने भी दो टूक शब्दों में यह चेतावनी जारी की है कि जल्दी से सैनिक के घर का रास्ता बनाओ नहीं तो मुझे सूली पर लटका दो। एसडीएम देहरा धनबीर ठाकुर भी प्रदर्शन कर रहे सैनिक व उसके परिवार से मिले और यह आश्वासन दिया कि जल्द ही उनके घर तक एम्बुलेंस रोड़ बनाया जाएगा। एसडीएम ने यह भी कहा कि रोड़ बनाने के लिए जमीन चाहिए जोकि लोगों की है उनसे भी बात की जा रही है। जमीन से संबंधित जिन भी लोगों के ऑब्जेक्शन हैं उनको मंगलवार को ऑफिस में बुलाया गया है उनसे बात करके कुछ हल निकाला जाएगा।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, पंकज राणा उपमंडल देहरा के अंतर्गत आती पंचायत नौशहरा के निवासी है। पंकज राणा के मुताबिक, उनके घर तक एंबुलेंस रोड सेंक्शन किया गया, ताकि उन्हें आपात स्थिति में कोई भी मुश्किल ना उठाना पड़ी। नेताओं ने आश्वासन दिया कि तत्काल उनके घर तक कच्चे रास्ते को एबुंलेस रोड के लिए पक्का किया जाएगा, लेकिन आश्वासन कोरे ही रहे गए, एबुलेंस मार्ग पक्का आज दिन तक नही हुआ। वहीं भारतीय सेना के जवान ने बताया कि जब भी वह छुट्टी आते हैं तो अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटने में ही उनकी छुट्टी खत्म हो जाती है। घर पर मां अकेली है, वह जा नहीं सकती। पंचायत ने भी आज दिन तक कोई गंभीरता मार्ग को पक्का करने में नही दिखाई। दफ्तरों से हार कर अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हेल्पलाईन के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है। पंकज की मां शुकुतंला देवी का कहना है कि उनका सैनिक परिवार कच्चे घर में रहता है और पीने के पानी के लिए भी दूर से पानी लाना पड़ता है। एक हैंडपंप तक की मदद नहीं हो पाई है। सरकार मेरे सैनिक बेटे की मदद को आगे आएगी, उन्हें पूरी उम्मीद है।
पंकज पुलवामा के त्राल में आंतकी हमले में हुए थे घायल
बता दें कि पंकज साल 2018 में पुलवामा के त्राल में हुए आंतकी हमले में बुरी तरह से घायल हो गए थे। इस हमले में उनकी दाईं टांग और बाजू में गोली लगी और दूसरी टांग में मोर्टार से घायल हो गए थे।