कुल्लू दशहरा उत्सव में 4000 महिलाओं ने एक साथ नाटी डाल दिया ये संदेश

Saturday, Oct 12, 2019 - 04:02 PM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर) : अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान आज रथ मैदान में महानाटी डाली गई। करीब चार हजार महिलाओं ने एक साथ नाटी डालकर स्वच्छता और पोषण का संदेश दिया। रथ मैदान में पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं ने एक साथ कुल्लवी नाटी डाली। करीब एक घंटे तक चली इस नाटी में महिलाएं ढोल-नगाड़ों की धुन के साथ पहाड़ी गीतों पर थिरकीं।

गौरतलब है की दशहरा उत्सव में पिछले पांच से छह सालों से कुल्लू की पारंपरिक कुल्लू नाटी का आयोजन किया जा रहा है। नाटी का सबसे आकर्षक दृश्य 2014 और 2015 को दशहरा उत्सव में देखने को मिला था। यहां क्रमश: 6000 और 9800 महिलाओं ने संयुक्त रूप से ढोल नगाड़ों की थाप पर नाटी डालकर इतिहास रचा था।

दशहरा उत्सव की बैठक में कुल्लवी नाटी को बंद करवाने पर भी विचार किया जा रहा था, लेकिन विरोध के बाद नाटी को नियमित रूप से जारी रखने पर सहमति बनी। आपको बता दें कि इस बार की नाटी स्वछता और पोषण को लेकर की गई थी जिसमे करीब चार हज़ार महिलाओ ने एक साथ नाटी डाली और स्वछता और पोषण का सन्देश दिया ताकि देश स्वच्छ और कुपोषण मुक्त हो।

वन मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की अपनी सांस्कृतिक विरासत है और कुल्लू जिला का उसमे अपनी अलग पहचान है और पिछले कुछ सालों से नाटी का आयोजन महिला मंडलो द्वारा किया जा रहा है और यह नाटी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है और हर साल कुल्लू दशहरे का हिस्सा यह बन गयी है और सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिए जो काम किया जा रहा है वो सहारनीय है। साथ ही पोषण और स्वच्छता के लिए जो महानाटी आज की गयी वो काबिले तारीफ है।

वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता दमयन्ती राजपूत ने कहा की वो मनाली से इस महा नाटी में भाग लेने आयी है और इसका उदेश्य स्वछता और पोषण है जिसको लेकर आज नाटी की गयी जो प्रशासन की एक अच्छी पहल है और नाटी के माध्यम से वो यह सन्देश देना चाहते है की हमारी संस्कृति बची रहे और इसमें बढ़ोतरी हो।

 

 

Edited By

Simpy Khanna