एक जैसे नाम का फायदा उठाकर महिला ने कर दिया नवजात का सौदा!

Wednesday, Nov 08, 2017 - 09:34 PM (IST)

मंडी: जोनल अस्पताल मंडी में एक सप्ताह पहले जन्मी बच्ची को कथित रूप से बेचने का मामला सामने आया है। बाल कल्याण समिति के पास शिकायत पहुंचने के बाद इसका खुलासा हुआ है। बाल कल्याण समिति ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई है। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पैसे के लेन-देन की बात भी सामने आई है। पूरे मामले में जिस प्रक्रिया के जरिए बच्ची को दूसरे दंपति को गोद दिया गया वह पूरी तरह से गैर-कानूनी है। हालांकि शाम तक सिटी पुलिस चौकी में पूरा मामला ही पलट गया। अब मसला पूरी तरह से कानूनी और गैर-कानूनी प्रक्रिया के बीच उलझ गया है। 

क्या है मामला 
जानकारी के अनुसार एक नवम्बर को चैलचौक क्षेत्र की एक महिला प्रसव के लिए जोनल अस्पताल मंडी आई थी, जिसके साथ पुरानी मंडी की उसकी जान-पहचान की एक और महिला भी थी। प्रसव के बाद प्रसूता महिला के साथ गई महिला ने स्टाफ  नर्स से मिलकर बच्चे को स्टाफ  नर्स के किसी रिश्तेदार को गोद दे दिया और बदले में उसे कुछ पैसे दिए गए। बताया जा रहा है कि प्रसूता महिला मानसिक रूप से थोड़ी परेशान है और पति से भी कुछ अनबन चल रही थी जिस कारण पति ने उसे छोड़ दिया है। प्रसव के समय जो महिला उसके साथ मौजूद थी उसका व प्रसूता का नाम एक जैसा है। इसके चलते उस महिला ने प्रसव के बाद बच्ची का सौदा करने के लिए प्रसूता बनकर सारी औपचारिकताएं पूरी करवाईं और धोखे से किसी अन्य को बच्ची बेच दी।

पीड़िता की बहनों ने बाल कल्याण समिति को दी सूचना
इसकी भनक जब पीड़िता की बहनों को लगी तो उन्होंने 6 नवम्बर को बाल कल्याण समिति को इस बारे सूचित किया। इसके बाद समिति की टीम ने अस्पताल में जाकर पूछताछ की। बाल कल्याण समिति में पीड़िता को भी बुलाया गया और उसके बयान दर्ज किए, जिसमें उसने बताया है कि धोखे से उसकी बच्ची का सौदा किया गया है। बच्ची को उसकी मर्जी के बगैर किसी को गोद दे दिया गया है। इसके बाद समिति की टीम ने अस्पताल में जाकर पूछताछ की। उधर, देर शाम मां ने पुलिस चौकी में यह बयान दे दिया कि उसे बच्ची को गोद देने में कोई आपत्ति नहीं है।

नोटरी से बना दी नवजात को गोद लेने की रिपोर्ट
चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी ने बताया कि नवजात को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया को नोटरी से बनाया गया है जिसके बाद पीड़िता की बहन ने बताया है कि किसी वकील ने इसके लिए सहायता की है व नोटरी से नवजात को गोद देने की पूरी प्रक्रिया की गई है जोकि गैर-कानूनी है। वहीं पीड़िता ने नोटरी के कागज कमेटी को जमा करवा दिए हैं। कमेटी के अनुसार गोद लेने के लिए भी प्रक्रिया होती है जिसके बाद ही बच्चे को गोद ले सकते हैं। 

क्या कहती है बाल कल्याण समिति 
बाल कल्याण समिति मंडी के अध्यक्ष चंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि बच्ची को गैर-कानूनी तरीके से गोद देने के मामले में बाल कल्याण समिति जांच कर रही है, साथ ही पैसे के लेन-देन पर जांच होगी। इसके बाद ही पूरे मामले का पटाक्षेप हो पाएगा।

क्या कहती है पुलिस 
सिटी चौकी पुलिस प्रभारी कल्याण सिंह ठाकुर ने बताया कि मामले के सारे तथ्यों को जांचा गया है। बच्ची की मां को भी बच्चे को गोद देने में कोई आपत्ति नहीं है। बच्ची को गोद देने के नोटरी वाले कागजात भी पेश किए गए हैं जिन्हें जांचा जा रहा है।