बिना फायर एन.ओ.सी. के स्कूल, होटल, अस्पताल व मॉल

Friday, Dec 24, 2021 - 11:00 AM (IST)

धर्मशाला (नवीन) : बढ़ती आबादी के साथ में बाजार विस्तार के साथ स्कूल, होटल व अस्पतालों के साथ-साथ मॉल खुल रहे हैं लेकिन इनकी सुरक्षा को लेकर कई भवनों में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगा हुआ है। फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होने के कारण हरदम आगजनी की घटना होने का अंदेशा लगा रहता है। कुछ ही लोगों ने फायर एन.ओ.सी. ले रखी है। स्कूल, चिकित्सालय, मॉल व होटलों में एक समय में सैकड़ों की तादाद में लोग रहते हैं। ऐसे में शॉर्ट सर्किट या अन्य प्रकार से आग लगने पर बुझाने के लिए अग्रि शमन यंत्र व फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होने के कारण जानमाल की हानि हो सकती है। ऐसे में संबंधित मालिक को इसके लिए पुख्ता प्रबंध करना आवश्यक होता है। इसके बाद एन.ओ.सी. लेनी होती है। जानकारी के मुताबिक जिला के कई होटल, अस्पताल, स्कूल, मॉल बिना फायर एन.ओ.सी. के चल रहे हैं। 

क्या कहता है नियम

नियमों के अनुसार अधिक ऊंचाई के भवनों, सरकारी व निजी स्कूलों, अस्पतालों सहित होटलों व बड़े मॉल, सरकारी दफ्तरों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के बाद फायर स्टेशन से उक्त भवनों की एन.ओ.सी. लेनी पड़ती है। इसके साथ वर्ष के बाद उक्त एन.ओ.सी. को रिन्यु करवाना आवश्यक है।

यह है एन.ओ.सी. के लिए आवश्यक

भवन मालिकों को एन.ओ.सी. लेने से पहले आग आग सुरक्षा के इंतजामों का ब्यौरा प्रस्तुत करना होता है, जिसमें पानी का टैंक, पाइप फिटिंग, बेसमेंट में कार पार्किंग ब्रांड पाइप, प्रत्येक फ्लोर में इंटरकॉम सिस्टम, अग्नि शमन यंत्र आदि का ब्यौरा प्रस्तुत कर एन.ओ.सी. प्राप्त करनी होती है।

क्या कहते हैं फायर ऑफिसर स्वरुप कुमार चौधरी

धर्मशाला फायर विभाग के फायर ऑफिसर स्वरुप कुमार चौधरी के मुताबिक कई स्कूल, कई मॉल, होटल व अस्पताल बिना फायर एन.ओ.सी. के चल रहे हैं। कई लोगों के पास फायर फाइटिंग सिस्टम भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक फायर एक्ट ही काम कर रहा है। नियम बन जाएं तो कार्रवाई के लिए हमें अधिक अधिकार मिल जाएंगे। फायर रुल सचिवालय में फ्रेम होने के लिए गए हैं। यदि नियम बन जाते हैं तो बिना फायर एन.ओ.सी. के चलने वाले भवन मालिकों को चेतावनी के बाद पनेल्टी भी लगाई जा सकती है। फायर एक्ट में कार्रवाई के ज्यादा अधिकार नहीं हैं।
 

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prashant sharma