BPL में नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, पंचायतों में देना होगा शपथ पत्र

Thursday, Sep 27, 2018 - 08:41 PM (IST)

शिमला (राक्टा): प्रत्येक बी.पी.एल. परिवार के मुखिया से लिए जाने वाले घोषणा/शपथ पत्र के प्रपत्र को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके तहत समस्त खंड विकास अधिकारियों को विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वे समस्त ग्राम पंचायतों को प्रपत्र उपलब्ध करवाएं। ग्रामीण विकास विभाग ने ग्राम पंचायत की बी.पी.एल. सूची में चयन हेतु दिए जाने वाले शपथ पत्र का जो प्रपत्र तैयार किया है, उसमें 6 बिंदुओं को शामिल किया है। इसके तहत व्यक्ति को घोषित करना होगा कि उसके परिवार के पास 2 हैक्टेयर से अधिक असिंचित भूमि या एक हैक्टेयर से अधिक सिंचित भूमि नहीं है। इसके साथ ही यह भी जानकारी देनी होगी कि उसके परिवार के पास रहने के लिए आधुनिक शहरी प्रकार का पक्का/बड़ा निजी घर नहीं है और उसका परिवार आयकर नहीं देता है।

प्रत्येक बी.पी.एल. परिवार के मुखिया से लिया जाएगा शपथ पत्र
ग्राम पंचायत द्वारा प्रत्येक बी.पी.एल. परिवार के मुखिया से शपथ पत्र लिया जाएगा। परिवार के मुखिया को यह भी घोषित करना होगा कि उसके परिवार का वेतन, पैंशन भत्ते, मानदेय, मजदूरी तथा व्यवसाय आदि से नियमित मासिक आय 2500रुपए से अधिक नहीं है। इसके साथ ही परिवार का कोई सदस्य सरकारी अथवा गैर-सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत नहीं है। परिवार के पास चौपहिया वाहन नहीं है, यह भी शपथ पत्र में घोषित करना होगा।

यदि आपत्ति तो लिखित में निदेशालय को करें सूचित
विभाग ने जारी निर्देशों में स्पष्ट किया है कि यदि अनुमोदित प्रपत्र के किसी बिंदु पर कोई आपत्ति हो तो उस संदर्भ में निदेशालय को लिखित रूप में एक माह के भीतर अवगत करवाया जाए। गौर हो कि घोषणा/ शपथ पत्र प्रपत्र को अंतिम रूप देने से पूर्व विभागीय बैठकों में खंड विकास अधिकारियों से भी चर्चा की गई थी। गौर हो कि विभाग ने बीते 13 जुलाई को अधिसूचित किया था कि प्रत्येक बी.पी.एल. परिवार के मुखिया से ग्राम पंचायत द्वारा घोषणा पत्र प्राप्त किया जाएगा, जिसके प्रपत्र को अब अंतिम रूप दिया गया है।

गड़बड़झाले की शिकायतें मिलने पर मंत्री ने लिया एक्शन
प्रदेश में बी.पी.एल. सूची में गड़बड़झाले की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं। इसी के परिणामस्वरूप विभागीय मंत्री वीरेंद्र कंवर ने विभाग को निर्देश दिए थे कि बी.पी.एल. सूची की समीक्षा की जाए और अपात्र परिवारों को बाहर कर पात्र परिवारों को इसमें शामिल किया जाए। इसके बाद जब सर्वे हुआ तो हजारों की संख्या में अपात्र परिवार सूची में शामिल पाए गए।

7 माह में 8,193 अपात्र परिवार किए बाहर
प्रदेश सरकार ने 2,82,370 बी.पी.एल. परिवारों का चयन करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही शुरूआती 7 माह में करीब 38,193 अपात्र परिवारों बी.पी.एल. सूची से हटाया गया जबकि 32,176 नए परिवारों को सूची में शामिल किया गया है।

2,500 रुपए की मासिक आय का मापदंड
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान के लिए मापदंड निर्धारित किए गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने बी.पी.एल.चयन के लिए 2,500 रुपए मासिक आय को शामिल किया है।

सर्वे में सामने आए कई तथ्य
बी.पी.एल. सूची के हुए सर्र्वे में कई तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार सूची में शामिल कुछ परिवारों के सदस्य सरकारी नौकरी में भी पाए गए और कुछेक के आय के स्त्रोत तय सीमा से अधिक पाए गए हैं, ऐसे में विभाग ने रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपात्र परिवारों को बी.पी.एल. सूची से बाहर कर दिया।

Vijay