''मर जाएंगे लेकिन नहीं छोड़ेंगे खेती करना''

Friday, Nov 30, 2018 - 11:06 AM (IST)

फतेहपुर : उपजाऊ भूमि छीन कर विस्थापन का दर्द झेल रहे लोगों ने विभाग को दो टूक शब्दों में कहा कि मर जाएंगे पर खेती करना करना नहीं छोड़ेंगे। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पौंग जलाशय किनारे बी.बी.एम.बी. की खाली पड़ी भूमि पर खेती करने वाले लोगों के खिलाफ  वन्य प्राणी विभाग की कार्रवाई पर विस्थापित लोग उग्र होने लगे हैं। गुरुवार को जगनोली क्षेत्र के विस्थापितों धर्म सिंह वैध, रणवीर सिंह सलारिया, चैन सिंह, हरदेव सिंह, कर्ण सिंह, चमेल सिंह, सूरम सिंह व भोलूदीन सहित अन्य ने पत्रकारों से कहा कि जब तक सरकार उन्हें 1962 के समझौते का अनुसरण नहीं करती तब तक वो बी.बी.एम.बी. की खाली पड़ी जमीन पर खेती करते रहेंगे।

पौंग डैम का निर्माण

इसके बदले चाहे वन्य प्राणी विभाग उनके खिलाफ  कोई भी कार्रवाई करे। उन्होंने बताया जब पौंग डैम का निर्माण हुआ था तब हजारों किसानों की उपजाऊ भूमि उसमें समा गई थी, जिसके बदले में सरकार ने राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में भूमि देने का वायदा किया था लेकिन करीब 45 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी विस्थापितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि अब जैसलमेर, रामगढ़, मोहनगढ़ व नाचना की बंजर भूमि विस्थापितों को दी जा रही है। जहां न स्कूल, न पानी, न स्वास्थ्य और न ही सड़क की सुविधा है। उन्होंने विभाग को चेताया कि वो मर जाएंगे लेकिन जब तक उनका सही तरीके से पुनर्वास नहीं किया जाता तब तक खेती करना नहीं छोड़ेंगे।
 

Karuna