अाखिर क्यों टैक्सी यूनियन ने किया चक्का जाम

Wednesday, Jun 07, 2017 - 12:16 AM (IST)

मनाली : देश का तीसरा सुंदर व रमणीय पर्यटक स्थल एकाएक जाम हो जाता है और कोई भी सरकार का नुमाइंदा जाम में फंसे सैंकड़ों पर्यटकों की सुध लेने नहीं पहुंचता है। प्रशासन और टैक्सी यूनियन के बीच चली तनातनी ने सोमवार शाम 6 जाम का रूप धारण कर लिया। प्रशासन द्वार टैक्सी यूनियन की सारी बातें मानने के बावजूद उन्हें धरातल पर न उतरता देख शाम को टैक्सी यूनियन का गुस्सा धरने के रूप में फूट पड़ा। यह पहली बार हुआ है कि आपसी तालमेल न होने के चलते 1,800 पर्यटक वाहनों को प्रशासन द्वारा ब्लैक लिस्ट किया गया। हालात बिगड़ते देख एस.डी.एम. मनाली तो कहीं नजर नहीं आए लेकिन एस.पी. कुल्लू थोड़ी देर के लिए मौके पर पहुंचे। हालात बिगड़ते देख वह भी वहां से चले गए। टैक्सी यूनियन के चालक और पर्यटक इतने गुस्से में थे कि उन्होंने प्रशासन के साथ-साथ प्रदेश सरकार के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

चक्का जाम के लिए प्रशासन की वायदाखिलाफी जिम्मेदार
शाम 6 बजे यूनियन मनाली ने आईबैक्स चौक पर धरना दे दिया, जिससे दोनों ओर 7 से 10 कि.मी. की लंबी लाइनें लग गईं। जाम लग जाने से भूखे-प्यासे पर्यटकों का हाल-बेहाल हो गया। टैक्सी यूनियन ने चक्का जाम के लिए प्रशासन की वायदाखिलाफी को जिम्मेदार बताया है। मनाली टैक्सी यूनियन के प्रधान राजकुमार डोगरा का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर पहले भी हड़ताल और पूर्व सांसद को काले झंडे दिखाने की बात कह चुके थे। पुलिस प्रशासन ने पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह द्वारा रैडक्रॉस मेले का उद्घाटन शांतिपूर्वक कराने के मकसद से सारी शर्तें मानने की बात कही लेकिन हकीकत में प्रशासन ने उनके साथ धोखा किया गया।

विधायक ने भीड़ को किया शांत
हालात बिगड़ते देख स्थानीय विधायक मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत किया। उन्होंने पर्यटकों और सैलानियों की बदहाली को देखते हुए प्रशासन और सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि रविवार को उनके सामने एस.पी. कुल्लू ने टैक्सी यूनियन और प्रशासन के बीच समझौता करवाया था। मुझे पहले ही शक था कि प्रशासन टैक्सी यूनियन को बेवकूफ  बना रहा है। विधायक ने कहा कि या तो प्रशासन स्थानीय लोगों के साथ तालमेल नहीं बना पा रहा है या इन प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार की पकड़ नहीं है, जिसका खमियाजा पर्यटन से रोजगार चलाने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।