चुनाव आयोग की चिट्ठी के बाद आखिर रात में क्यों बदले डीसी : मुकेश अग्निहोत्री

punjabkesari.in Tuesday, Oct 20, 2020 - 06:51 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र) : नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के बावजूद बड़े स्तर पर सरकार ने रात के अंधेरे में तबादले किए हैं। उन्होंने कहा कि जब निर्वाचन आयोग ने 14 अक्तूबर को चीफ सैक्रेटरी को पत्र लिखा था जिसमें कहा था कि पंचायतों के चुनावों के मद्देनजर उपायुक्तों के तबादले न किए जाएं। ऐसे में सरकार ने रात के अंधेरे में किस आधार पर यह तबादले किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ताश के पत्तों की तरह अफसरशाही को फैंटने में लगी हुई है। कुछ डीसी तो केसरिया रंग में भी रंगे हुए थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें रातोंरात बदल दिया गया। कुछ तो सुबह कुर्सियों पर बैठ भी गए। नेता विपक्ष ने कहा कि कई ऐसे अधिकारी उच्च स्तर पर बदले गए जिन्होंने सरकार में काफी ज्यादा काम किया था। ऐसे अधिकारियों को भी पूरी तरह से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बड़ी बात यह है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद भी यह तबादले किए गए हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह अधिकारियों का एक तरीके से तख्ता पलट है। 

जिस-जिस ऑफिसर ने इस सरकार की सेवा करने का जज्बा दिखाया है उसी ऑफिसर को सरकार ने बदला है। पहले सेवाएं ली गईं फिर फटकारा गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को समझ लेना चाहिए। यह लोग काम लेकर उन्हें दुत्कारने वाले हैं। नेता विपक्ष ने कहा कि जब चुनाव आयोग को सरकार मानती नहीं है तो इसका क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि क्या चुनावों को प्रभावित करने के लिए यह तबादले किए गए हैं। 

नेता विपक्ष ने प्रदेश में हो रही आत्महत्याओं पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान 30 सितम्बर तक प्रदेश में 657 लोगों ने आत्महत्या की है। सबसे बड़ा आंकड़ा कांगड़ा जिला का है जहां 141, मंडी 88, शिमला 75, हमीरपुर 57, ऊना 56, सिरमौर 50, सोलन 46, बद्दी 38, बिलासपुर 37, कुल्लू 34, चम्बा 23, किन्नौर 11 व लाहौल-स्पीति में एक व्यक्ति ने आत्महत्या की है। लोगों में बेहद निराशा है लेकिन सरकार लोगों में निराशा और भय के माहौल को दूर करने में असफल सिद्ध हुई है। सरकार का इस तरफ फोकस नहीं है। यह गंभीर मुद्दा है और इस पर चिंतन जरूर होना चाहिए। लोगों को हर तरफ से सरकारी सहायता मिलनी चाहिए। जनता परेशान है और सरकार को कोई परवाह नहीं है। कोविड से भी काफी मौतें हुई हैं। सरकार सही ढंग से अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर रही है।
 


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prashant sharma

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