पाताल से किसे ढूंढकर लाना चाहते हैं CM जयराम, जानने के लिए पढ़ें ये खबर
punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 07:05 PM (IST)
शिमला : हिमाचल प्रदेश में एक गुमनाम पत्र ने काफी हंगामा मचाया हुआ है। इस गुमनाम पत्र को लेकर आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मीडिया के सामने अपनी बात रखने को विवश होना पड़ा आखिर क्या है इस गुमना पत्र में जिसका जिक्र खुद सीएम को करना पड़ा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि गुमनाम पत्र जारी कर स्वास्थ्य विभाग में वेंटीलेटर की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले को पाताल से भी ढूंढकर निकाला जायेगा। राजनीतिक मंशा से पत्र के जरिए सरकार को बदनाम करने का कुप्रयास किया गया है। पत्र जारी करने वाले अज्ञात शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और मानहानि का केस भी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि पत्र में लगाए गए आरोप झुठे साबित हुए हैं। कोरोना दौर में वेंटीलेटर की खरीद में पूरी पारदर्शिता बरती गई है और कोई कोताही नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि गुमनाम पत्र जारी करने वाले तत्व सरकार की छवि खराब कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेंटीलेटर में गड़बड़ियों का आरोप लगाने वाले में हिम्मत है तो वो सामने आए। अज्ञात पत्र में आरोप लगाया गया है कि साढ़े 3 लाख का वेंटीलेटर 10 लाख रूपये में खरीदा गया है। वेंटीलेटर की खरीद पर बिठाई जांच में सरकार ने पाया कि हाइलेवल परचेज कमेटी की अनुशंसा पर मैनुफैक्चरर से उच्च गुणवता का एक वेंटीलेटर 9.19 लाख रूपये में खरीदा गया है। ऐसे सात वेंटीलेटर खरीदे गए, जो कि हिमाचल में 17 अप्रैल को पहुंचे। इसी मेनुफैक्चरर से हरियाणा सरकार ने 20 अप्रैल को 10.30 लाख प्रति वेंटीलेटर की कीमत पर खरीद की है। उन्होंने कहा कि अज्ञात पत्र झूठ और गुमराह करने वाला है और तथ्यों पर आधारित नहीं है।
विपक्षी के लोग इस पत्र को आधार बनाकर उनके इस्तीफे की बचकाना मांग कर रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए विपक्ष से कहा कि वे गुमनाम पत्र लिखने वाले को उनके सामने लेकर आएं, तो वह सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है तथा भ्रष्टाचार की कहीं भी तनिक भी गूंजाइश नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि सचिवालय में सैनेटाइजर के मामले में सरकार ने तुरंत कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की और सचिवालय के एक अधीक्षक को निलंबित करने के साथ चार लोगों को चार्जशीट भी किया। उन्होंने कहा कि पीपीई किट की खरीद पर सरकार के स्तर पर कोई अनियमितता नहीं है। दो लोगों के बीच संवाद हुआ है। उनकी ऑडियो बात वायरल हुई, जिसका पता चलने पर एफआईआर दर्ज कर तत्कालीन स्वास्थ्य निदेशक को निलंबित कर कार्रवाई की गई। इस मामले में विजिलेंस जांच कर रही है और कानून के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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