जब बर्फीले दर्रे में पैदल चलने पर मजबूर हुए विधायक, जानिए क्या है वजह

Monday, Apr 24, 2017 - 12:22 AM (IST)

उदयपुर: बी.आर.ओ. के लिए एक कदम दूर रोहतांग की बहाली से एक दिन पहले लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने बर्फीले दर्रे को कदमों से माप लिया। लाहौल में समस्याओं का जायजा लेने के बाद रवि ठाकुर रविवार को कोकसर से मनाली के लिए रवाना हुए। रोहतांग पार करने से पहले कोकसर में उन्हें न केवल दिक्कतें पेश आईं बल्कि उन्होंने प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता की पोल भी खोली है। सुबह 8 से दोपहर बाद 3 बजे तक विधायक कोकसर की बर्फ  में बैठे रहे लेकिन प्रशासनिक स्तर पर उन्हें गाड़ी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई। काफी टालमटोल के बाद प्रशासन की गाड़ी 3 बजे के बाद कोकसर पहुंची तब तक वह कोकसर से मनाली की ओर रवाना हो चुके थे।



ट्रक में सवार होकर बर्फीले दर्रे की ओर गए विधायक
बताया गया है कि प्रोटोकॉल का ही प्रशासन को ख्याल नहीं तो आम नागरिक की सुविधाओं का क्या हाल होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बर्फीले रेगिस्तान में आवागमन के लिए प्रशासन से गाड़ी की मांग करने के बावजूद विधायक भी बेबस नजर आए। सुबह 8 बजे कोकसर पहुंचे विधायक दोपहर बाद 3 बजे तक प्रशासन की गाड़ी के आने का इंतजार करते रहे। आखिर एक ट्रक में उन्होंने बर्फीले दर्रे की ओर रुख किया। उन्होंने कहा कि जनता में प्रशासन के प्रति नाराजगी नहीं आक्रोश है। प्रशासन जनता की सुध नहीं ले रहा है। मांग करने के बावजूद उनके लिए गाड़ी का इंतजाम नहीं किया गया। इससे लगता है कि प्रशासनिक तंत्र बेलगाम हो रहा है जो किसी की शह पर परेशान कर रहा है।



विधायक और प्रशासन में तनातनी का माहौल 
इस नए घटनाक्रम से जाहिर है लाहौल-स्पीति के विधायक और प्रशासन एक बार फिर तनातनी के मूड में हैं। इस पर प्रशासन की बेचारगी यह है कि प्रशासन की गाडिय़ों के डीजल टैंक खाली थे। बर्फबारी से पहले प्रशासनिक स्तर पर जो ईंधन का भंडारण किया गया था, वह खत्म हो चुका है। तांदी में लाहौल का एकमात्र पैट्रोल पंप कई माह से बंद है। रोहतांग दर्रा खुलेगा, उसके बाद पैट्रोल पंप में डीजल-पैट्रोल मिलने की संभावना बनेगी, तब तक प्रशासनिक तंत्र भी पैदल है।