जब मेला छोड़ चले गए देव कमरूनाग, प्रशासन को दिया बारिश के रूप में दंड

Thursday, Mar 22, 2018 - 11:21 AM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): पारंपरिक सुकेत देवता मेला के शुभारंभ पर बड़ा देव कमरूनाग बैठने की उचित व्यवस्था नहीं होने से खफा हो गए और नाराज होकर मेले से चले गए। देवता के कारदारों का आरोप था कि बड़ा देव कमरूनाग के बैठने के स्थान पर गंदा व खराब टैंट लगाया गया, जिसकी छत से पानी भी टपक रहा था, इसलिए वहां बैठना मुश्किल हो रहा था। 


उधर, देव बड़े योगी के बैठने स्थान पर भी उचित साफ-सफाई तक नहीं थी, जिस पर उनके कारदारों ने नाराजगी व्यक्त की। नाराज देवताओं को मनाने के लिए मेला समिति के चेयरमैन एवं एस.डी.एम. राहुल चौहान सहित सारा प्रशासन लगा रहा लेकिन देवता नहीं माने। इसी बीच पारंपरिक देवता के शुभारंभ पर करसोग से आए मुख्य देवताओं का प्रशासन द्वारा विधिवत स्वागत नहीं होने से शुकदेव वाटिका से जलेब के रवाना होने से पहले नाग धमूनी के मुख्य गुर प्रचंड हो गए। 


देवता ने गुर के माध्यम से कहा कि मैं वापस करसोग जा रहा हूं, क्योंकि जिस प्रशासन ने मुझे बुलाया है, उसने मेरा स्वागत तक नहीं किया। तत्पश्चात महामाया के पुजारी आचार्य रोशन के द्वारा प्रशासन की ओर से बार-बार क्षमा याचना की गई। देवताओं के कारदारों ने आरोप लगाया कि प्रशासन के अधिकारी मुख्यातिथि के इंतजार और लोगों को पगड़ियां पहनाने में ही मस्त रहे, जिससे व्यवस्था चरमरा गई। इसी दौरान इस मेले में 6 साल बाद आए देवाधिदेव ममलेश्वर महादेव भी प्रचंड हो गए। आरोप है कि उनके पूजन के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई। 

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