जब हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों से आगे! तो क्यों रहे नशे में पीछे

Thursday, Feb 20, 2020 - 11:29 AM (IST)

कुल्लू: नशे की तस्करी के हैरान करने वाले मामलों के बीच नशे के दलदल में डूबे लोगों की स्थिति के आंकड़े भी भयावह तस्वीर के रूप में सामने आए हैं। सिर्फ पुरुष व युवक ही नहीं बल्कि नशे के दलदल में धंसकर लड़कियों और महिलाओं की भी ऐसी स्थिति हो गई कि उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाना पड़ गया। 2018 में 18 लड़कियों, महिलाओं और 2019 में 30 लड़कियों व महिलाओं को उपचार के लिए लाया गया। 2018 में अस्पताल में कुल 517 तथा 2019 में 886 नशेडिय़ों का उपचार हुआ है। इनमें 2018 में 230 और 2019 में 387 लोग ऐसे रहे जो हैरोइन के आदी पाए गए। उनकी स्थिति ऐसी थी कि वे पागलों जैसा व्यवहार कर रहे थे और सुधबुध खो बैठे थे, ऐसे में परिजन उन्हें उपचार के लिए लेकर आए। इनमें 60 प्रतिशत की उम्र 16, 17 से 25 वर्ष तक है।

उपचार के लिए लाई गई करीब 50 लड़कियों और महिलाओं में भी 60 प्रतिशत से अधिक की आयु 16 से 25 वर्ष के बीच दर्ज की गई। इनमें स्कूल, कालेज गोइंग लड़कियां भी शामिल हैं। नशे के दलदल में धंसी महिलाओं की उम्र 35 वर्ष तक पाई गई। 2 वर्षों में नशे के दलदल में धंसे कुल 1403 नशेडिय़ों का उपचार हुआ। इनमें शराब, चरस, चैन स्मोकिंग व अन्य नशों के आदी भी शामिल हैं। चरस और स्मोकिंग के आदी नशेडिय़ों को एडमिट नहीं किया गया बल्कि ओ.पी.डी. बेस्ड उपचार से उन्हें नशे के चंगुल से छुड़ाया गया। शराब, हैरोइन व मल्टीपल नशों के आदी होकर नशे के दलदल में फंसे लोगों को एडमिट करके उनका उपचार किया गया।

kirti