जब सदन में सत्तापक्ष-विपक्ष की नियमों पर हुई तकरार

Tuesday, Mar 28, 2017 - 11:40 PM (IST)

शिमला: विधानसभा में मंगलवार को नियमों का हवाला देते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष ने खुद को सही साबित करने के प्रयास किए। कटौती प्रस्तावों में चर्चा को लेकर दोनों पक्षों में आज लगातार दूसरे दिन तकरार हुई। प्रश्नकाल खत्म होते ही विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कटौती प्रस्तावों पर सदस्यों के भाग लेने को लेकर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष का यह कहना कि केवल विपक्षी सदस्य ही विभिन्न विभागों से संबंधित मांगों पर चर्चा कर सकते हैं, निराधार है। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के ही सदस्य किसी भी विभाग से संबंधित मांग पर चर्चा में भाग ले सकते हैं जबकि कटौती प्रस्तावों पर केवल विपक्ष बोल सकता है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने कई नियमों का हवाला भी दिया।

जो सदस्य कटौती प्रस्ताव देता है, वही चर्चा में भाग लेता है : धूमल
अध्यक्ष की व्यवस्था पर विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि संसद से लेकर विधानसभा तक में यही परंपरा है कि जो सदस्य कटौती प्रस्ताव देता है, वही चर्चा में भाग लेता है। इसी मुद्दे पर भाजपा के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यदि परंपराओं से हटकर सत्तापक्ष के सदस्य कटौती प्रस्ताव देना चाहते हैं तो वह इसके लिए स्वतंत्र हैं। 

सत्तापक्ष के सदस्यों को भी होना चाहिए बोलने का अधिकार : कौल सिंह
इसी मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित मांगों पर बोलने का सत्तापक्ष के सदस्यों को भी अधिकार होना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष के वॉकआऊट को भी गलत करार दिया। इसी संबंध में गोबिंद सिंह ठाकुर और आशा कुमारी ने भी अपना-अपना पक्ष रखा।