जब अटल जी को हुआ था नौकरी जाने का अफसोस, हिमाचल से रहा है गहरा नाता

Tuesday, Jun 12, 2018 - 01:46 PM (IST)

मनाली (संजीव शर्मा): बात उन दिनों की है जब अटल जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार रिपीट नहीं कर पाई थी। मई में चुनाव हारा और अगले ही माह अटल जी मनाली के प्रीणी गांव स्थित अपने घर में गर्मी की छुट्टियां मनाने पहुंच गए। उन्होंने यहां गांव से बाहर मुख्य सड़क के साथ ब्यास नदी के किनारे छोटा सा घर बना रखा था जहां वे हर साल गर्मी में आया करते थे। अपने प्रवास के दौरान वे यहां के लोगों से खूब प्यार से मिलते और कहते देखो मैं भी मनाली का ही हूं बाहर का मत समझना। गांव वाले भी उन्हें पलकों पर बिठाते। अटल जी पीएम थे तो गांव की सूरत भी संवरने लगी। गांव का स्कूल, महिला मंडल भवन से लेकर बिजली पानी रास्तों की व्यवस्था चाक चौबंद हो गई। अपने हर दौरे के दौरान अटल जी विशेष रूप से प्रीणी गांव का दौरा करने जरूर जाते। इसी चक्कर में प्रीणी के लिए सड़क भी बन गई थी। वहां वे तमाम सुरक्षा घेरे को तजकर बुजुर्गों, महिलाओं और गांव के युवाओं से मिलकर विभिन्न विषयों पर चर्चा करते। बच्चों से उनका स्नेह तो जग जाहिर है। 


अटल जी प्रीणी के बच्चों से खूब गप्पें लड़ाया करते थे। गांव के बच्चे उन्हें प्यार से मामा कहते थे। किसी बच्चे से पूछो कि स्कूल कैसा है तो जवाब मिलता- मामा ने सब ठीक करा दिया है। पूछो गांव में पानी बिजली आती है तो जवाब मिलता मामा जी ने सब सही करा दिया है। बच्चों के स्कूल में अटल जी के हर दौरे के दौरान एक विशेष समारोह होता। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम करते और अंत में उनसे कविता की फरमाईश हो जाती। लेकिन सरकार जाने के बाद जब अटल जी प्रीणी पहुंचे तो एक अजीब सा सन्नाटा गांव में पसरा था मानो कोई बड़ी अनहोनी हो गई हो। गांव वाले हालांकि हर बार की ही तरह परम्परागत वाद्य यंत्रों संग उनके स्वागत को नीचे सड़क पर पहुंचे थे लेकिन सबके मन में मायूसी तो थी ही। गाड़ी से उतरते ही उन्होंने यह मायूसी भांप ली। करनाल ( स्थानीय शहनाई) बजाने वाले से बोले राम सिंह इस बार वो पहले वाली गर्मजोशी नहीं तेरी फूंक में। राम सिंह कुछ कहता तब तक अटल जी आगे बढ़ गए थे। दो दिन बाद अटल जी पहले की तरह गांव के स्कूल गए।


बच्चों को सरकारों से कोई सरोकार नहीं होता सो उन्होंने तमाम बातों से अनजान उनका खूब सत्कार किया। किसी ने फूल दिया कोई गले मिला तो किसी ने पांव छुए। समारोह हुआ, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी। बारी जब अटल जी की कविता की आई तो अटल जी ने कहा। इसबार लम्बे समय के लिए फुरसत में आया हूं। कुछ नया लिखकर जाने से पहले सुनाऊंगा। अटल जी की एक और आदत थी की वे प्रीणी स्कूल के बच्चों को पार्टी के लिए हर बार अपनी जेब से कुछ पैसे जरूर देते थे। जब उन्होंने भाषण दिया तो बोले इस बार बड़ी पार्टी की जगह जलेबी से काम चला लेना पैसे थोड़े कम मिलेंगे  क्योंकि तुम्हारे मामा की नौकरी चली गई है। इसलिए जेब तंग है। उन्होंने बच्चों को पांच हजार दिए। उनकी यह बात सुनकर बच्चे स्तब्ध रह गए। सरकारों से कोई सरोकार न रखने वाले बच्चों को शायद नौकरी की अहमियत पता थी। बच्चों की मासूमियत देखिए उन्होंने वे पैसे लेने से इंकार कर दिया और बोले जब नई नौकरी लगेगी तब डबल लेंगे। हालांकि अटल जी ने यह कहकर उन्हें मना लिया की इतना तो रख ही लो वर्ना मामा को अच्छा नहीं लगेगा।  


अटल जी के जन्मदिन पर होती है प्रीणी में ग्रैंड पार्टी 
उनका जन्मदिन क्रिसमस पर यानी 25 दिसंबर को होता है। उस दौरान पूरे मनाली शहर में क्रिसमस की धूम होती है और शहर सैलानियों से सराबोर रहता है, लेकिन मनाली के बगल में बसे प्रीणी में क्रिसमस के बजाए अटल जी के जन्मदिन की धूम होती है। वह कभी जन्मदिन पर प्रीणी में नहीं रहे, लेकिन गांववाले पूरे उत्साह के साथ उनका जन्मदिन तब भी मनाते थे और अब भी वह जोश कायम है। इसकी तयारी हफ्ता भर पहले शुरू हो जाती। गांव में विशेष सजावट की जाती है और जन्मदिन वाले दिन यानी 25 दिसंबर को विशेष पूजा होती है। पूजा के बाद प्रीतिभोज दिया जाता है। बीच में जब भी अटल जी बीमार पड़े तो उनके स्वास्थ्य की कामना के लिए भी गांव वालों ने विशेष पूजा आयोजित की। 


हिमाचल से खास लगाव रहा है वाजपेयी का
अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर मानते हैं। यही नहीं, कुल्लू के प्रीणी में वाजपेयी का निजी आवास भी है। वे हर साल कुल्लू में छुट्टियां मनाने आया करते थे। प्रीणी में हर साल उनके जन्मदिवस पर यज्ञ का आयोजन होता है और प्रीणी की जनता वाजपेयी की सेहत के लिए प्रार्थना करती है। वह शिमला में रैलियों को संबोधित कर चुके हैं। उनके समय में हिमाचल के विशेष औद्योगिक पैकेज भी मिला है। अटल के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल सहित अन्य भाजपा नेताओं ने प्रार्थना की है।  

Ekta