गेहूं की बिजाई पर लगा विराम, किसानों का दर्द छलका

Thursday, Nov 24, 2016 - 12:21 PM (IST)

पालमपुर: न आसमान से पानी और न मिट्टी में नमी, ऐसे में किसान करें भी तो क्या करें। सूखे नवंबर में प्रदेश में गेहूं की बिजाई पर विराम लग गया है। प्रदेश में एक बड़े भू-भाग पर गेहूं की बिजाई नहीं हो पाई है। लंबे खिंचे ड्राई स्पैल ने रबी सीजन की बिजाई को प्रभावित किया है। स्थिति यह है कि प्रदेश में 5 अक्तूबर के पश्चात मेघ नहीं बरसे हैं। ऐसे में किसान टकटकी लगाए आसमां की ओर देख रहे हैं। विडम्बना यह है कि राज्य में 80 प्रतिशत कृषि वर्षा पर आश्रित है। ऐसे में बारिश का न होना, कृषि प्रधान प्रदेश के किसानों के लिए सांसत बनता जा रहा है।


प्रदेश में कृषि भौगोलिक व जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप वैसे भी एक जटिल कार्य रहा है। ऐसे में प्रकृति की बेरुखी ने इसे और जटिल बना दिया है। राज्य में करीब सवा 9 लाख किसानों में से 87 प्रतिशत किसान छोटे व मझोले हैं। गेहूं प्रदेश में प्रमुख खाद्यान्न फसल है तथा कुल कृषि भूमि में 40 प्रतिशत भू-भाग पर गेहूं की बिजाई की जाती है तथा राज्य के सभी जनपदों में किसान गेहूं की बिजाई करते हैं। कांगड़ा, कुल्लू तथा मंडी जनपद प्रदेश में कुल गेहूं के एक तिहाई गेहूं का उत्पादन करते हैं। इन 3 जनपदों में भी वर्षा की बूंद नहीं बरसी है। राज्य में वर्ष 2015-16 में गेहूं की पैदावार 494.14 हजार टन हुई थी। 


अभी बिजाई का समय शेष: विशेषज्ञ
राज्य की भौगोलिक व मौसम की परिस्थितियों के अनुसार अक्तूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवम्बर के अंतिम सप्ताह तक का समय राज्य में गेहूं की बिजाई के लिए उपयुक्त माना जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी बिजाई का समय शेष है, परंतु जितनी देरी से बिजाई की जाएगी, उतना अधिक बीज किसानों को बिजाई में उपयोग करना पड़ेगा। 


क्या है वर्षा की स्थिति
राज्य में 1 अक्तूबर से 22 नवम्बर तक की अवधि में सामान्य से 90 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इस अवधि में सामान्य 52.2 मिलीमीटर वर्षा के स्थान पर मात्र 5.3 मिलीमीटर ही वर्षा हो पाई है। नवम्बर आते-आते स्थिति और विकट हो गईऔर  नवम्बर माह में वर्षा का आंकड़ा सभी जिलों में शून्य रहा है। इस माह 11.6 मिलीमीटर सामान्य वर्षा दर्ज की जाती है।