100 दिन के कार्यकाल पर क्या बोले CM जयराम, जानने के लिए पढ़ें खबर (Video)

Saturday, Apr 07, 2018 - 02:14 AM (IST)

शिमला: 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर चुकी जयराम सरकार सत्ता और संगठन में तालमेल बनाकर आगे बढऩा चाहती है ताकि मिशन-2019 के साथ अन्य चुनौतियों का सामना किया जा सके। मुख्यमंंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि लक्ष्यों पर काम शुरू हो चुका है और नतीजे निश्चित तौर पर बेहतर होंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का एकमात्र मुख्य लक्ष्य जनहित है और इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जनता को घरद्वार सुविधाएं देने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने चुनावी दृष्टिपत्र को सरकारी दस्तावेज बनाया है और उसमें से कई वायदों को महज 3 माह के कार्यकाल में ही पूरा भी कर लिया गया है। सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल को लेकर पंजाब केसरी ने विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से विशेष बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी बेबाकी से बात रखी, पेश है, उसके मुख्य अंश..


सरकार को बने 100 दिन हो गए हैं, कितने लक्ष्य पूरे हुए?
100 दिन के जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उनमें काफी हद तक हम उसमें सफल हुए हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में जो कार्यक्रम और योजनाएं रहेंगी, उनमें भी उसी तरह से सफलता हासिल करेंगे। 100 दिन पर अभी ज्यादा नहीं कहना चाहूंगा, 9 अप्रैल को इस पर पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा।


2019 के लोकसभा चुनाव आपका पहला टैस्ट होगा, सत्ता-संगठन में तालमेल चुनौती होगी, क्या कहेंगे?
सत्ता-संगठन में तालमेल की कोई चुनौती नहीं है। बहुमत के साथ प्रदेश में भाजपा सरकार सतारूढ़ हुई है। सरकार संगठन के साथ और संगठन सरकार के साथ। बीते लोकसभा चुनाव की तरह ही आगामी लोस चुनाव में पार्टी प्रदर्शन करेगी।


चीफ व्हिप-डिप्टी चीफ व्हिप पर क्या कहेंगे?
ये जो दो पद सृजित किए हैं, इसके लिए विधि विशेषज्ञों की राय भी ली गई। लीगल ओपिनियन के अनुसार ये पद लाभ की श्रेणी में नहीं आते हंै। बैकडोर एंट्री का इसमें कोई विषय नहीं है। ये एक खुला विषय है। पूर्व सरकार ने 9 सी.पी.एस. बनाए थे और यह भी एक प्रयास था अपने विधायकों को एडजस्ट करने का। हमने अभी तक एक भी सी.पी.एस. नहीं बनाया। चीफ व्हिप-डिप्टी चीफ व्हिप की नियुक्ति का प्रावधान बहुत से राज्यों में है। कांग्रेस शासित राज्यों में भी रहा है। हिमाचल में नहीं था, इस संदर्भ में सरकार बिल लाई थी और पारित भी हो गया है। ये पॉलीटिकल एडजैस्टमैंट के लिए नहीं है। बहुत से ऐसे विधायक हंै कि जो प्रदेश के लिए सहयोग कर सकते, ऐसे में उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाए।


जिस राह पर वीरभद्र सरकार चली, उस पर ही जयराम सरकार चल रही, क्या कहेंगे?
पूर्व कांग्रेस सरकार ने सत्तारूढ़ होने के दूसरे दिन ही 9 विधायकों को सी.पी.एस. पद की शपथ दिलाई थी। उसमें बाद दर्जनों के हिसाब से चेयरमैन और वाइस चेयरमैन बनाए। मेरे विस क्षेत्र से भी 2 चेयरमैन बनाए गए थे। हारे हुए लोगों की भी ताजपोशी की गई, ऐसे में यह कहना सही नहीं है कि वर्तमान सरकार पूर्व सरकार की राह पर चल रही है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुने हुए प्रतिनिधियों को काम देने, काम का विभाजन करना, ये आवश्यकता रहती है। 


क्या सरकार सी.पी.एस. बनाएगी? 
सी.पी.एस. का मामला लंबित है, उस पर हम चर्चा और जिक्र भी नहीं करना चाह रहे हैं। इस मामले पर विधि विशेषज्ञों की राय ली जा रही है कि यह व्यवहारिक है या नहीं। 


प्रदेश पर बढ़ता कर्जा बड़ा मुद्दा रहा है, आय बढ़ाने के संसाधन को लेकर सरकार क्या कर रही है?
विकास के लिए कर्ज लेने की भी जरूरत पड़ती है। वर्तमान सरकार ने अभी तक जरूरत के अनुसार ही कर्ज लिया है। पिछले कर्ज को चुकाना भी सरकार की जिम्मेदारी है। आय के संसाधन को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। नई आबकारी नीति बनाई गई है, जिससे राजस्व बढ़ेगा। पूर्व सरकार के कार्यकाल में काफी नुक्सान हुआ था। इसके साथ ही खनन नीति लाने जा रही है, उससे भी आय बढ़ेगी। इसी तरह पावर प्रोजैक्ट के माध्यम से भी राजस्व बढ़ाने के प्रयास होंगे।


पर्यटन से रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं, इस दिशा में सरकार क्या कर रही है?
हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। शांतिप्रिय प्रदेश है और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज है। वर्तमान सरकार ने टूरिज्म के लिए नए कदम उठाए हैं, बजट में इस बारे उल्लेख किया गया है। अधिक से अधिक पर्यटक आएं और रोजगार की संभावनाए बढ़े, उसके लिए प्रयास जारी है। पहले केवल पर्यटन पर बात होती लेकिन इस बार सरकार ने 50 करोड़ रुपए पर्यटन के लिए रखे हैं। 


रूसा पर सरकार का स्टैंड क्या है? 
रूसा कायम रहेगा, इसमें कुछ सरलीकरण किया जाएगा। खत्म करने की बात नहीं की गई है, छात्रों को कैसे राहत दे, उसके लिए उपयोगी कदम उठाए जाएंगे। शिक्षाविदों के साथ छात्रों से बातचीत की गई है और कई साकारात्मक और नकारात्मक पहलू सामने आए हैं ऐसे में सरलीकरण के प्रयास होंगे।


सरकार बनने पर फिजूलखर्जी कम करने का दावा किया था, हो उल्टा रहा है, क्या कहेंगे?
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बने 3 माह का कार्यकाल हो चुका है लेकिन हमने न अभी तक चेयरमैन बनाए हैं और न ही सी.पी.एस.। मंत्रियों के लिए नए वाहन भी नहीं खरीदे। मंत्री साढ़े 3 लाख कि.मी. चले हुए वाहनों में सफर कर रहे हैं। जो गाडिय़ा ज्यादा चल चुकी हैं उन्हें बदलने की जरूरत हो सकती है। पूर्व सरकार ने तो दूसरी कैबिनेट की बैठक में ही मंत्रियों के लिए नए वाहनों का प्रस्ताव पारित किया था। 

Vijay