घटिया वर्दी व बैगों की सप्लाई का क्या है राज, बताए सरकार : राणा

Thursday, Feb 06, 2020 - 05:17 PM (IST)

 

हमीरपुर: अब सरकारी स्कूलों को सियासत का अड्डा बनाने में लगे जयराम सरकार के मंत्री व विधायक ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में पाबंदी के बावजूद सालाना समारोहों में सियासी शेखियां बगारते हुए सरकार के मंत्री और विधायकों के मन्सुबे यह साफ कर रहे हैं कि हम तो चीफ गेस्ट बनेंगे ही बेशक इससे छात्रों की पढ़ाई का कितना भी हर्जा क्यों न हो। यह बात कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रैस ब्यान में कही है। राणा ने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा व सड़क के विकास में बुरी तरह पिछड़ चुकी सरकार को अब सरकारी स्कूलों में सालाना समारोहों का एकमात्र सहारा दिख रहा है। 30 जनवरी को सरकार प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में सालाना समारोह पर पाबंदी लगाती है ताकि छात्रों की पढ़ाई का कोई हर्जा न हो।

क्योंकि यह समय पढ़ाई के लिए परीक्षाएं सिर पर होने के कारण बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए पाबंदी जरुरी थी लेकिन पाबंदी के बावजूद मंत्री, विधायक इन सालाना समारोहों की शोभा बन रहे हैं और कई स्थानों पर तो हारे और नकारे लोग भी इन समारोहों के सहारे अपनी सियासत को जिंदा रखने के प्रयास में ऐसे समारोहों में चीफ गेस्ट बनते नहीं थक रहे हैं। राणा बोले कि इस सरकार में स्कूली वर्दियां जो कि एक ही धुलाई में करीब-करीब बर्बाद हो गई हैं में किसी बड़े घोटाले की आशंका है और अब जो स्कूल बैग छात्रों को दिए गए हैं वो बैग 15 दिन के भीतर कबाड़ हो गए हैं उनकी सिलाईयां टूट गई हैं। ऐसे में वर्दियों व बैगों के लिए फूंका गया बजट न छात्रों के काम आया है और न ही सरकार को इसका कोई फायदा हुआ है। वर्दियों और बैगों की डील में लाभ लेने वाले कौन हैं और कहां हैं, यह सरकार को बताना होगा। क्योंकि करोड़ों रुपए के बजट के बावजूद वर्दियों और बैगों की गुणवता से समझौता किया गया है तो इस डील के मोटे लाभ के भागीदार कौन हैं सरकार को बताना होगा।

राणा ने कहा कि अब अगर सरकार बच्चों की वर्दियों और बैगों की डील में छात्रों के हितों को दरकिनार करके सप्लायरों के हितों का ध्यान रख रही है तो यह सरकार की कृतघन्ता की इन्तहा है। ऊना स्वां नदी में निरंतर भारी मात्रा में हो रहे अवैध खनन व बढ़ती अराजकता के बीच खनन माफिया के राज को सरकारी संरक्षण के सवाल पर राणा ने कहा कि अब तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी मान लिया है कि स्वां नदी को अवैध खनन ने बर्बाद करके रख दिया है। अब तो सरकार खनन माफिया पर लगाम लगाए। पहले खनन को लेकर विपक्ष की बात न सूनी तो कोई बात नहीं लेकिन अब तो धूमल जी की बात सूने सरकार और खनन माफिया पर लगाम लगाए।

kirti