अत्री ने कंसा वीरभद्र पर तंज, बोले- वह किस मुंह से हमीरपुर में वोट मांगने आ रहे

Sunday, Nov 05, 2017 - 09:40 AM (IST)

हमीरपुर: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह किस मुंह से हमीरपुर की जनता से कांग्रेस के लिए वोट मांगने के लिए आ रहे हैं। वीरभद्र सिंह ने जिस तरह से हमीरपुर जिला से 5 वर्षों तक भेदभाव किया है, उसका हिसाब जनता मांगेगी और 9 नवम्बर को मतदान के दिन हमीरपुर की जनता भाजपा के पक्ष में मतदान कर कांग्रेस सरकार को प्रदेश की सत्ता से चलता करेगी। यह बात प्रदेश भाजपा के सह प्रवक्ता नरेंद्र अत्री ने कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पिछले 5 साल के राज में हमीरपुर ने हमेशा उपेक्षा का दर्द झेला है लेकिन इस बार हमीरपुर भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का गृह जिला होने के नाते यहां की जनता ने ठान लिया है कि इस बार जिला की पांचों सीटें भाजपा के खाते में डालेगी। पिछले 5 सालों में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के रवैये के कारण हमीरपुर का विकास एकदम ठप्प पड़ा रहा क्योंकि वे निचले हिमाचल और खासकर हमीरपुर जिला के प्रति निजी द्वेष रखते हैं क्योंकि यह उनके सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी प्रेम कुमार धूमल का गढ़ है।

धूमल परिवार से वीरभद्र सिंह का द्वेष किसी से छुपा नहीं
साथ ही कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू जो जिला के ही नादौन से आते हैं, उनसे भी वीरभद्र सिंह के रिश्ते कैसे हैं, यह किसी से छुपा नहीं है। यही वजह है कि अपने दोनों विरोधियों के गृह जिला को वीरभद्र सिंह ने बिल्कुल भी तरजीह नहीं दी। साथ ही धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर यहां से लोकसभा सांसद हैं और धूमल परिवार से वीरभद्र सिंह का द्वेष किसी से छुपा नहीं है। इस जिला से इतने विरोधी होने के कारण हमीरपुर की सारी योजनाओं को ठप्प कर दिया गया जिसमें पेयजल योजना, मैडीकल कालेज, टैक्नीकल यूनिवर्सिटी व बस स्टैंड आदि शामिल हैं जबकि सच्चाई यह थी कि इन सारी योजनाओं के लिए बजट उपलब्ध था जो भाजपा सरकार के समय मंजूर हुई थीं। यहां के अस्पताल में डाक्टरों की भारी कमी है।

अगर कांग्रेस ने अपना खाता इस जिले में खोल रही तो चमत्कार होगा
स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, सड़कें बदहाल पड़ी हैं, डिपुओं में राशन नहीं है, यहां तक की जो सरकारी दफ्तर यहां थे, वे भी दूसरी जगहों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। जनता को अभी भी धूमल सरकार की उपलब्धियां याद हैं। धूमल सरकार में हमीरपुर के विकास के लिए अथाह धन मंजूर हुआ था तथा सड़कों का जाल बिछा था, पेयजल की योजना बनाई गई थी, किसानों के लिए सिंचाई योजना बनाई गई थी, उच्च शिक्षा संस्थान यहां लाए गए थे तथा अनेक उच्चाधिकारियों के दफ्तर यहां आए थे। इसलिए इस बार भाजपा का इस जिला की पांचों सीटें जीतना तय माना जा रहा है और यह कोई चमत्कार ही होगा अगर कांग्रेस ने अपना खाता इस जिले में खोल रही है।