...तो क्या खत्म हो रहा है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का रौब!

Saturday, Sep 22, 2018 - 09:43 AM (IST)

शिमला : राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का रोब खत्म होता जा रहा है। बोर्ड ने बीते 2 सालों के दौरान बद्दी नगर परिषद (एम.सी.) को 5 बार खुले में कूड़ा डालने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए, लेकिन इनका बद्दी एम.सी. पर कोई असर नहीं दिखा। हैरानी इस बात की है कि जिस नगर निकाय पर कूड़े का वैज्ञानिक विधि से निष्पादन करने की जिम्मेदारी रहती है, वहीं नगर निकाय आसपास की हवा में जहर घोल रहा है।

एम.सी. पर आरोप है कि पूरे बद्दी शहर का कचरा केंडुवाल गांव में डंप किया जा रहा है। इससे सिरसा नदी की प्रदूषण का भार उठाने की क्षमता तो कई साल पहले ही खत्म हो गई है। अब आसपास के एक दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों और उनके मवेशियों को महामारी फैलने का खौफ सताने लगा है। कंडवाल गांव में कूड़ा खुले में फैंकने की वजह से साथ लगते शीतलपुर, कल्याणपुर, लंडयाल, केंदुआल, संदौली, मलपुर व भुड इत्यादि गांवों के दर्जनों लोग बदतर जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं। इस कारण आसपास के पेयजल स्त्रोत दूषित हो गए हैं। स्थानीय लोगों ने एम.सी. की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

मंजूरी के बाद भी 3 साल से नहीं लगा प्लांट
बद्दी में कूड़े के वैज्ञानिक विधि से निष्पादन के लिए अब तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्लांट नहीं लग पाया। पहले तो लगभग 4 साल का वक्त एन्वायरनमैंट क्लीयरैंस लेने में लग गया। केंद्र ने एन्वायरनमैंट क्लीयरैंस अगस्त, 2015 को दी तो, बीते 3 सालों के दौरान प्लांट नहीं लगाया गया।

हिमधारा संस्था ने भी उठाए सवाल
पर्यावरण बचाने के लिए काम करने वाली हिमधारा कोलेक्टिव संस्था के रामानाथन ने बताया कि पिछले 10 दिनों से एम.सी. बद्दी खुले में फैंके गए कचरे को मिट्टी से दबा रहा है। खुले में कचरा फैंकने से क्षेत्र की हवाओं में जहर घुल गया है।
 

kirti