स्कूल में दिए शादी के कार्ड ने बचाई नाबालिग लड़की की जिंदगी

Wednesday, Mar 29, 2017 - 05:37 PM (IST)

बिलासपुर: बिलासपुर जिला में एक बाल विवाह जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करने के बाद रुका। जानकारी के अनुसार जिला के नयनादेवी जी विधानसभा क्षेत्र के पंजाब के साथ लगते बैहल गांव में एक नाबालिगा का विवाह उसके परिजनों ने उसी क्षेत्र के नीमांवली में एक बालिग लड़के से तय किया था। इस विवाह की बाकायदा तिथि भी तय कर दी थी। विवाह के कार्ड तक परिजनों ने बांट दिए थे लेकिन परिजनों ने अपने गांव में लोगों को विवाह के कार्ड बांटने से परहेज किया था ताकि किसी को इसकी कानोंकान खबर न हो। यह विवाह 28 से 30 अप्रैल तक आयोजित होना था। मामला नाबालिगा का होने के कारण परिजनों ने अपने घर से विवाह करने की अपेक्षा नाबालिगा के मामा के आनंदुपर स्थित घर से करने की योजना तैयार की थी तथा परिजन नाबालिगा का विवाह करवाने के लिए उसे उसके मामा के घर पर चले गए थे।

फोन पर मिली सूचना पर चाइल्ड हैल्पलाइन सोलन ने की कार्रवाई
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में हो रहे इस विवाह की सूचना किसी ने फोन पर चाइल्ड हैल्पलाइन सोलन को दी, जिस पर चाइल्ड हैल्पलाइन ने इस बारे जिला कार्यक्रम अधिकारी बिलासपुर को सूचना दी। सूचना मिलते ही विभाग हरकत में आया तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी वी.के. शर्मा ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमेश चंद सांख्यान, बाल कल्याण समिति बिलासपुर अनिल शर्मा व संरक्षण अधिकारी शैली गुलेरिया को मौके पर भेजा। संबंधित टीम जब नाबालिगा के घर बैहल पहुंची तो उन्हें उसके घर में ताला लगा हुआ मिला, जिस पर संबंधित टीम ने गांव के आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता से पूछताछ की तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि नाबालिगा के परिजन उसे उसके मामा के घर में शादी करवाने के लिए ले गए हैं।

7वीं कक्षा में पढ़ती है नाबालिग लड़की
इस टीम को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बैहल में इस विवाह का कार्ड मिला, जिस पर संबंधित टीम ने स्कूल में इस नाबालिगा की जन्मतिथि ज्ञात की तो मालूम हुआ कि यह लड़की इसी स्कूल में 7वीं कक्षा में पढ़ती है और उसकी जन्मतिथि 13 जुलाई, 2003 है। इसके बाद संबंधित टीम ने पुलिस थाना कोट में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलने पर थाना के कार्यकारी प्रभारी बलवीर सिंह ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लड़की के होने वाले ससुराल में टीम के साथ मुख्य आरक्षी राकेश चंद को भेजा। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में टीम ने होने वाले दूल्हे के पिता को इस विवाह को रोकने बारे समझाया कि बाल विवाह कानूनी जुर्म है तथा इस पर उनके खिलाफ अग्रिम कार्रवाई भी की जा सकती है। 

नहीं था मालूम कि लड़की है नाबालिग
इस पर लड़के के पिता ने कहा कि उसे इसके बारे में अभी मालूम हुआ है कि लड़की नाबालिग है तथा टीम को लिखित रूप में दिया कि वह इस शादी को अभी रोक रहा है और यदि वह अपने बेटे की शादी उस लड़की से करेगा तो उसके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई की जाए। इस प्रकार जिला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर के परामर्श व पुलिस की सहायता से बिलासपुर के गांव बैहल की नाबालिग लड़की का बाल विवाह रुका।