Watch Video: एक साल बाद भी शिमला प्यासा, बूंद-बूंद को तरस रहे लोग

punjabkesari.in Monday, Nov 21, 2016 - 02:43 PM (IST)

शिमला (विकास शर्मा): जीवन के सुचारू निर्वाह के लिए पानी अति आवश्यक वस्तुओं में से एक हैं लेकिन शिमला और आस-पास के इलाकों के लिए ये अति आवश्यक चीज पिछले साल की सर्दियों से खुद के समस्या के रूप ले चुका है। पिछली सर्दियों से लेकर इस साल की सर्दियों का मौसम आने वाला है पर इस समस्या का कोई हल नहीं हो पाया है। खाली बर्तन उठाकर पानी के लिए मशक्कत करना हर रोज की कहानी है। पानी की किल्लत का दर्द तो है मगर शिमला अब शिकायत करना भी भूल गया है। 


राजधानी में अभी भी रोजाना दस से बारह एमएलडी पानी की कमी है। शहर के कुछ उपनगरों में हफ्ते में सिर्फ दो बार पानी आता है। वहीं कई कॉलोनियों में दो या तीन दिन में एक बार ही पानी की सप्लाई हो रही है। वह भी सुबह सिर्फ एक या दो घंटे। पहले इस प्रदूषित पानी के चलते, पीलिया का अतिक्रम फैला था, जिससे कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था फिर हाईकोर्ट के आदेशों के बाद पानी की क्वालिटी परखी गई थी।


बताया जा रहा है कि बर्फबारी का सीजन शुरू होने वाला है, इसके बाद शिमला में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। लोग शिमला पहुंचेंगे तो पानी की मांग भी बढ़ेगी। लेकिन खुद बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा शिमला सैलानियों का स्वागत कैसे करेगा। बता दें कि किल्लत का यह किस्सा तब शुरू हुआ जब अश्विनी खड्ड से शिमला को पानी की आपूर्ति रोक देनी पड़ी। वजह पानी का गंदा होना था। शिमला में अचानक से पीलिया के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो पता जांच में सामने आया कि शिमला जो पानी पी रहा है वही गंदा है। तब से शिमला का हलक सूखा है। 


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