अवैध खनन से नीचे पहुंचा शुक्र खड्ड का जलस्तर, पेयजल योजनाओं का अस्तित्व खतरे में

Monday, Sep 09, 2019 - 10:45 AM (IST)

घुमारवीं (कुलवंत) : पूरा विश्व आज सूखे व जल संकट की पीड़ा से त्रस्त है। देश की मोदी सरकार ने जल संरक्षण को लेकर जल शक्ति अभियान की शुरूआत की है जिसका उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना है लेकिन यहां पर परिस्थितियां एकदम विपरीत हैं। भल्लू नामक स्थान पर शुक्र खड्ड में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है जिसके चलते शुक्र खड्ड का जलस्तर नीचे चला गया है। इस खड्ड पर बनी हुई तमाम पेयजल योजनाओं का अस्तित्व खतरे में आ चुका है।

इन गांवों की प्यास बुझाती है शुक्र खड्ड

लोगों ने बताया कि उक्त स्कीम से गांव मलारी, कुठेड़ा, कोलका, घंडीर, मलांगण, कथ्यून, गुजरेड़ा, बल्हसीणा, दधोग, टप्पे, जमराडिय़ां व लैहड़ी आदि गांवों को पेयजल आपूॢत दी जाती है। लोगों का कहना है कि यदि इस प्रकार का खनन होता रहा तो लोगों को पीने के लिए पानी की एक भी बूंद नहीं मिलेगी। क्या कहते हैं ग्रामीण इन ग्राम पंचायतों के बाशिंदों विजय कुमार, राजकुमार, जय चंद, दिनेश कुमार, भाग सिंह, मुकेश कुमार, जोङ्क्षगद्र सिंह, ज्ञान चंद, सुख राम, नसीब राम, निक्की देवी, पवन कुमार, राजपाल, संतोष कुमार, प्रकाश, हंसराज, अमीचंद, देवानंद, सुनील कुमार, दीपक कुमार, वीरेंद्र सिंह, देवराज, बिशन सिंह, सरवन सिंह, नंद लाल, मेहर सिंह, बहादुर सिंह व सुनील कुमार आदि ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। इन लोगों ने मांग की है कि इस अवैध खनन को तुरंत प्रभाव से रुकवाया जाए। इतना ही नहीं, ये मजदूर खड्ड के समीप झुग्गियों में रहते हैं तथा पूरे क्षेत्र के पानी को दूषित करते हैं क्योंकि इन लोगों के लिए शौचालय आदि का कोई भी प्रबंध नहीं है जिसके चलते ये लोग खुले में शौच करते हैं ।

इन पंचायतों के बाशिंदों ने सी.एम. को लिखा पत्र

घंडीर, बल्हसीणा, मलांगण तथा बलोह ग्राम पंचायतों के बाशिंदे शुक्र खड्ड में हो रहे अवैध खनन को लेकर पीड़ा में हैं जिसके चलते इन पंचायतों के सैंकड़ों लोगों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि इस खड्ड में होने वाले अवैध खनन को रोका जाए। लोगों का कहना है कि इस खड्ड में बजरी, बोल्डर व रेत का नामोनिशान नहीं बचा है। खनन माफि या लगातार मशीनें लगाकर अवैध खनन को अंजाम दे रहा है। मशीनों के माध्यम से खड्ड की सतह को उखाड़ा जाता है। उसके बाद मजदूरों के माध्यम से बजरी, बोल्डर व रेत को ट्रैक्टरों में भरकर ले जाया जाता है। लोगों का कहना है कि इस स्थान पर जिला बिलासपुर व हमीरपुर की सीमा पर एक क्रशर स्थापित किया गया है। इस क्रशर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर भल्लू उठाऊ पेयजल योजना है। इसके अलावा नीचे की तरफ और भी पेयजल योजनाएं हैं जो लगभग सूखने की कगार पर हैं।

Edited By

Simpy Khanna