सरकार और संगठन में तेज हुई जुबानी जंग, पढि़ए सुक्खू के बयान पर क्या बोले CM

Friday, May 26, 2017 - 06:40 PM (IST)

शिमला (विकास शर्मा): हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार और संगठन में जुबानी जंग तेज हो गई है। प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह द्वारा दिए बयान पर मुख्यमंत्री ने तल्ख टिप्पणी की है। विधानसभा में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि वे किसी की मेहरबानी से और जबरदस्ती सी.एम. नहीं बने हैं। वे जब भी सी.एम. बने हैं चुनाव के माध्यम से ही बने हैं। इलैक्टिड हाऊस ने सी.एम चुना है और प्रदेश की जनता ने ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई यह कहता है कि एक व्यक्ति को सी.एम. पद पर 2 बार से ज्यादा बार नहीं रहना चाहिए तो इसके लिए भारत के संविधान को बदलना चाहिए। उनका कहना था कि संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। गौर हो कि कुछ समय पहले पी.सी.सी. चीफ ने बयान दिया था कि यदि 2 बार अध्यक्ष रह चुके पी.सी.सी. चीफ को बदलना चाहिए तो 2 बार सी.एम.रहे व्यक्ति को भी पद से हटना चाहिए। 

वन मैन-वन पोस्ट का हिमायती हूं
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वे इस मत के हैं कि विधानसभा चुनाव के साथ संगठन के चुनाव नहीं होने चाहिए। संगठन के चुनाव या तो इस वर्ष के शुरू में या फिर विधानसभा चुनावों के बाद हों। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन में अच्छे तालुकात हैं और पूरी तरह से तालमेल है, जिसे और बेहतर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे पी.सी.सी. अध्यक्ष बनना नहीं चाहते। वे 4 बार पी.सी.सी. के चुने हुए और एक बार नॉमिनेटिड अध्यक्ष रह चुके हैं। वे वन मैन-वन पोस्ट के हिमायती हैं। उनसे जब पूछा गया कि पी.सी.सी. चीफ कहते हैं कि पार्टी हाईकमान ईमानदार व्यक्ति को अध्यक्ष पद से क्यों हटाएगा तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अपने आप को सर्टीफिकेट दे रहे हैं इससे मुझे खुशी है। 

केंद्रीय विवि बनाने में केंद्र सरकार कर रही देरी  
वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय विवि के मामले में देरी हिमाचल सरकार के कारण नहीं बल्कि केंद्र सरकार के कारण हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय विवि के लिए भूमि के हस्तांतरण का मामला केंद्र को भेजा। इसके सारे कागजात फोरैस्ट क्लीयरैंस को भेजे हैं और राज्य सरकार की कोशिश है कि वहां से क्लीयरैंस जल्द से जल्द हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जमीन छांटी और केंद्र की टीम ने उसका निरीक्षण किया और फिर फोरैस्ट क्लीयरैंस को मामला देहरादून भेजा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार इस मामले पर केंद्र से लगातार संपर्क में है।

जी.एस.टी. मनमोहन सरकार की देन 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने की थी। उनके कार्यकाल में इसके लिए कमेटी बनी थी और सारी प्रक्रिया शुरू हुई थी और चर्चा करते हुए आज इस स्तर पर पहुंचे हैं कि यह बिल राज्यों से पास हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब इस बिल को देश की कई विधानसभाओं ने पास किया है और हिमाचल विधानसभा में कल पारित होगा।