वीरभद्र सिंह देशभक्त थे, वो होते तो कन्हैया कुमार को हिमाचल की धरती पर पांव नहीं रखने देते : कश्यप

punjabkesari.in Thursday, Oct 14, 2021 - 04:57 PM (IST)

शिमला : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि ये बहुत शर्म की बात है कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस पार्टी ने उस शख्स को अपनी पार्टी में शामिल किया जो देश के टुकड़े टुकड़े करने वालों का समर्थन करता है। कांग्रेस में ऐसे लोग शामिल है, जो अफजल गुरु जैसे आतंकी की बरसी मनाते हैं और देश के खिलाफ विरोधी नारे लगाते हैं। शायद देश के विरोधियों को शह देना कांग्रेस पार्टी की आदत बन गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्टार प्रचारक लिस्ट से स्थानीय नेता गायब है, पर भाजपा को अपने स्टार प्रचारकों पर पूरा भरोसा है। 

उन्होंने कहा जब भारतीय जनता पार्टी ने एक फौजी को सम्मान देकर मंडी लोकसभा सीट से उतारा है तो उस फौजी के खिलाफ प्रचार के लिए कांग्रेस उसी कन्हैया कुमार को ले आई जो फौज और फौजियों को बलात्कारी कहता है। जो  हर घर से अफजल निकलेगा  जैसे नारे लगाने वालों को शह देता है। उस स्टार प्रचार के कदम हिमाचल पर पड़े और कांग्रेस के प्रत्याशी भी रंग बदलने लगे। मंडी में कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अगले ही दिन प्रतिभा सिंह ने बयान दिया कि कारगिल का युद्ध कोई बड़ा युद्ध नहीं था। उन्हें याद नहीं कि उस लड़ाई में देश के 500 से ज्यादा जवानों ने शहादत दी। हिमाचल में 50 से ज्यादा माताओं में अपने बेटे, बहनों ने अपने भाई, बीवियों में अपने सुहाग को खोया। 

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस को करगिल के हीरो के ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर के सामने अपनी हार निश्चित लग रही है तो उसने कन्हैया कुमार को अपना स्टार प्रचारक बना दिया। क्या कांग्रेस पार्टी को कोई और नहीं मिला था ? हमें लगता है कि एक सैनिक के खिलाफ कांग्रेस जानबूझकर उस शख्स को लाई जो सेना और सैनिकों के बलिदान का अपमान करता है। कश्यप ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि कहा जाता है, यहां के सैकड़ों वीर जवानों ने देश के लिए शहादत दी है। हिमाचल के चार बेटों को परमवीर चक्र मिला है। देश को तबाह करने का ख्वाब देखने वाले कन्हैया कुमार को हिमाचल लाकर कांग्रेस ने इस वीरभूमि का अपमान किया है। उन्होंने कहा हिमाचल मेजर सोमनाथ शर्मा की धरती है, कैप्टन विक्रम बत्रा की धरती है। आज वे शहीद स्वर्ग से देख रहे होंगे और उन्हें कितना दुख हो रहा होगा। वीरभद्र सिंह देशभक्त थे, हमें यकीन है कि वो आज होते तो कन्हैया कुमार जैसे शख्स को हिमाचल की धरती पर पांव नहीं रखने देते। 

उन्होंने कहा कन्हैया कुमार ने हिमाचल की पवित्र धरती पर आकर वही किया जिसके लिए वो बदनाम है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपमानजनक तरीके से बात की। विरोध और आलोचना करने का भी एक तरीका होता है। लेकिन मोदी जी को लेकर मंडी में निजी हमले किए गए और वो भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सामने। यही नहीं, कन्हैया मंडी पहुंचा और अगले ही दिन कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह एक देशद्रोह के आरोपी की बोली बोलने लगी। उन्होंने कहा कुलदीप राठौर, मुकेश अग्निहोत्री और कौल सिंह ठाकुर ने कन्हैया कुमार से साथ मंच साझा किया। क्या इन नेताओं का स्तर इतना गिर गया है कि वो राजनीतिक लाभ के लिए हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को भी भूल गए ? आज कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है जिस आधार पर वो वोट मांगे। आज कभी वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजिल के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं तो कभी देवताओं की कसमें खिलाई जा रही हैं। प्रतिभा सिंह दो बार सांसद रही हैं, आज बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं मगर सांसद थीं तो अपनी सांसद निधि तक खर्च नहीं कर पाईं। अगर प्रतिभा सिंह ने बतौर सांसद काम किया होता तो 2014 में उनकी इतनी करारी हार ना होती। उन्हें पता है कि जनता उनकी हकीकत जानती है, इसलिए उन्होंने 2019 का चुनाव हार के डर के कारण नहीं लड़ा और अब वीरभद्र सिंह जी के गुजर जाने के बाद उनके नामपर लड़ा। वीरभद्र के नाम पर वोट पाने की उम्मीद में वह चुनाव लड़ रही हैं । 

उन्होंने कहा प्रतिभा सिंह सबसे पहले अपने बयान के लिए माफी मांगें , इसके बाद प्रतिभा सिंह बताएं कि उन्होंने सांसद रहते हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए क्या काम किया ? काम करना तो दूर उन्होंने जीतने के बाद यहां के लोगों को दर्शन तक नहीं दिए थे। यही वजह है कि आज जब उनके सामने एक वीर योद्धा चुनाव लड़ रहा है तो वो सेना को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर गईं। कांग्रेस ने पूर्व सैनिकों का ही नहीं, हिमाचल के शहीदों, उनके परिवारों और यहां की जनता का भी अपमान किया है । इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
 


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Content Writer

prashant sharma

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