शिमला में NGT के आदेशों की अवहेलना, HC के स्टे के बावजूद हो रहा अवैध निर्माण

punjabkesari.in Sunday, Aug 09, 2020 - 10:06 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): आईजीएमसी के समीप कल्याण लॉज कोठी में रहने वाली एक निर्धन महिला ने उसके मकान को तोड़ रहे व्यक्ति पर उच्च न्यायालय और निचली अदालतों के आदेशों की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है। इस बारे महिला ने जिलाधीश शिमला को पत्र लिखकर काम को बंद करवाने की गुहार लगाई है। महिला का कहना है कि कल्याण लॉज कोठी में वह पुश्तों से अपने परिवार के साथ रह रही है। उसका आरोप है कि उक्त व्यक्ति ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ से राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर इस कोठी को अपने नाम करवा लिया है।
PunjabKesari, Woman and Construction Worker Image

महिला का कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा 24 जुलाई, 2020 को अवैध निर्माण को रोकने बारे उनके पक्ष में स्टे दिया गया है जबकि इससे पहले निचली अदालत द्वारा 10 नवम्बर, 2016 को राकेश अहूजा द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण पर स्थगन आदेश जारी किए गए थे। इसके अतिरिक्त नगर निगम शिमला द्वारा 2 दिसम्बर, 2017 को जारी आदेश में उक्त व्यक्ति को विवादास्पद भूमि पर निर्माण कार्य न करने पर रोक लगाई गई थी जबकि एनजीटी द्वारा जारी आदेशों में ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

महिला का कहना है कि उच्च न्यायालय के स्थगन आदेशों के बावजूद भी राकेश अहूजा द्वारा तोडफ़ोड़ और निर्माण का कार्य जारी है और अदालत के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। महिला का कहना है कि गत 13 मार्च को आईजीएमसी की ओपीडी के पास भू-स्खलन के कारण उसके मकान का एक हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें घर का अधिकांश सामान भी नष्ट हो गया था । दूसरी ओर राकेश अहूजा द्वारा मकान को गिराकर बहुत परेशान किया जा रहा है। महिला ने सरकार से भी मांग की है कि उक्त व्यक्ति को घर को तोडऩे से रोका जाए और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए ।

बरहाल महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार के नाक के नीचे कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। महिला इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है और स्थानीय प्रशासन है कि उसकी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है, ऐसे में जयराम सरकार के महिला के अधिकारों के संरक्षण की बात बेमानी साबित हो रही है।


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Vijay

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