गौंदपुर जयचंद में उद्योग के खिलाफ पंजाब-हिमाचल के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, जानिए क्या है वजह

punjabkesari.in Sunday, Mar 20, 2022 - 08:24 PM (IST)

टाहलीवाल (गौतम): गांव गौंदपुर जयचंद के एक उद्योग के गेट पर पशुओं का चारा जलाकर उद्योग चलाने के खिलाफ पंजाब व हिमाचल के काफी संख्या में एकत्रित हुए लोगों ने मिलकर विरोध जताया। इस दौरान फैक्टरी के गेट के पास टैंट लगाकर राम नाम का संकीर्तन करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। पंजाब-हिमाचल सीमा के बॉर्डर पर चल रहे इस उद्योग के खिलाफ भड़के गांववासियों ने जय गऊ माता, जय श्रीराम के नारे लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर शीघ्र पशुओं का चारा जलाना बंद नहीं किया गया तो आंदोलन इसी तरह लगातार जारी रहेगा। काबिलेगौर है कि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय गौसेवा मिशन के अध्यक्ष संत कृष्णानंद महाराज भूरिवालों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से इस उद्योग के प्रबंधकों को पशुओं का चारा न खरीदने की अपील की गई थी लेकिन दोनों पक्षों में इस संबंध में सहमति नहीं बन पाई। गौसेवा मिशन के चेयरमैन कीमती भक्त व गौंदपुर के संजीव शिपू ने बताया कि उद्योग के खिलाफ पशुओं का चारा जलाकर प्रदूषण फैलाने के खिलाफ जब राष्ट्रीय गौसेवा मिशन के अध्यक्ष संत कृष्णांनद महाराज भूरिवालों ने आवाज उठाई तो इस उद्योग के मालिक ने संत भूरिवालों व उनके सेवादारों के खिलाफ पुलिस में झूठी व बेबुनियाद शिकायत दर्ज करवा दी। उद्योग मालिक अपनी मनमानी कर रहा है। 
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उद्योग के प्रदूषण से लोग हो रहे बीमार

मैंहदवाणी के प्रधान सुभाष चंद, रतनपुर के प्रधान सुच्चा सिंह, पूर्व प्रधान टिबियां गुरचैन सिंह, कुलभूषण, अजैब सिंह बोपाराय, संजीव कुमार, कृष्ण बीटन, बिंदु बांठ बीटन व सुभाष चंद सहित स्थानीय लोगों का कहना है कि इस उद्योग के प्रदूषण से आंगन में सूखने के लिए रखे कपड़े भी काले हो रहे हैं और लोग अज्ञात बीमारी का शिकार हो रहे हैं। उद्योग द्वारा नियमों को ताक पर रखकर प्रदूषित पानी खुले में छोड़ा जा रहा, जिसे पीने से पशु भी अज्ञात बीमारी का शिकार हो रहे हैं। उपजाऊ जमीन पर भी इसका असर हो रहा है। इस दौरान कुलवीर सिंह, संजीव शिपू, रणजीत राणा, पंकज, ठेकेदार मूलराज, सुभाष चौधरी, पवन कटारिया, रविंदर मान, विनोद बिट्टू, रमेश सरपंच, दिलबाग मैंहदवाणी, मास्टर सुभाष सरपंच बीनेवाल, कीमती भक्त, बाबा रामदास बीनेवाल कुटिया व अतुल कृष्ण बीनेवाल कुटिया आदि मौजूद रहे। इस दौरान शांति बनाए रखने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल भी तैैनात रहा। 

धरना-प्रदर्शन बंद नहीं किया तो औद्योगिक इकाइयों को लगाएंगे ताले

उधर, हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चेयरमैन राकेश कौशल की अगुवाई में सरकार से उद्योग की सुरक्षा की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि हरोली उपमंडल के गांव गौंदपुर जयचंद स्थित उद्योग के बाहर ग्रामीणों द्वारा पराली जलाने के आरोपों को लेकर बेवजह उद्योग का काम बाधित किया जा रहा है। पिछले रविवार को भी 5 घंटे उद्योग का काम बाधित किया गया था। फैक्टरी के गेट पर मैट बिछाकर धरना देना और उद्योग का काम ठप्प होने से जो नुक्सान हो रहा है, उसकी भरपाई कौन करेगा। पंजाब के लोगों द्वारा एक संत की अगुवाई में धरने-प्रदर्शन के खिलाफ हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन भी लामबंद हो गई है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द धरने-प्रदर्शन को हटाकर उद्योग का काम सुचारू नहीं किया गया तो समूचे इंडस्ट्रीयल एरिया की तमाम औद्योगिक इकाइयों को ताले लगा दिए जाएंगे। राकेश कौशल ने कहा कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सहित अन्य विभाग इस बात को तसदीक कर चुके हैं कि उद्योग में किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं किया जा रहा है। यदि फिर भी प्रशासन चाहे तो उसकी उच्च स्तरीय जांच करवा सकता है। इस धरने के कारण इस उद्योग के सैंकड़ों कर्मचारियों पर बेरोजगार होने का खतरा मंडरा रहा है, उसका उत्तरदायित्व किसका होगा। 

प्रशासन शांतिपूर्ण तरीके से हल करे समस्या

उद्योग प्रबंधक का कहना है कि उद्योग को नियमानुसार चलाया जा रहा है। उद्योग समझौता वार्ता के लिए तैयार है। इस उद्योग के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों परिवारों का रोजगार जुड़ा हुआ है। उद्योग के गेट पर डटे रहने से उद्योग का काम ठप्प हो सकता है, जिसके चलते काफी संख्या में लोग बेरोजगार भी हो सकते हैं। प्रशासन व क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोगों को समय रहते शांतिपूर्ण तरीके से शीघ्र इस समस्या का समाधान करना चाहिए। उद्योग द्वारा पंजाब के किसानों से केवल 5 प्रतिशत पराली खरीदी जाती है। शेष पराली मौजूदा समय में भी खेतों में ही नष्ट की जा रही है। 

क्या बोले पर्यावरण विभाग के अधिकारी

पर्यावरण विभाग के कनिष्ठ अभियंता मोहित भारती ने बताया कि पराली जलाने से सफेद धुआं उत्पन्न होता है जबकि काला धुआं प्रदूषण की श्रेणी में आता है। 7 मार्च को उद्योग के सैंपल लिए गए थे, जिसमें उद्योग के प्रदूषण मानक नियमानुसार सही पाए गए हैं। गंदे पानी को साफ करने के लिए उद्योग में ईटीपी प्लांट लगाया गया है। पराली की राख को उठाने के लिए भी उद्योग द्वारा एक ठेकेदार को काम दिया गया है। 

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Content Writer

Vijay

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