ग्रामीणों ने जानी विलुप्त हो चुकी ‘डंडु चंद्रौली’ लोक नृत्य परम्परा

Wednesday, Oct 21, 2020 - 11:42 PM (IST)

पालमपुर (ब्यूरो): पालमपुर क्षेत्र के पदरा गांव में गत दिवस संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की योजना के अंतर्गत नैशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर यूथ एंड रूरल डिवैल्पमैंट द्वारा कांगड़ा जनपद की विलुप्त हो रही लोक नृत्य परम्परा ‘डंडु चंद्रौली’ (चंद्रावली) लोकनृत्य का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लोक कलाकारों को सम्मानित किया गया जो इस परंपरा से जुड़े हुए हैं व इसका निर्वहन कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में लोक कलाकार विश्वानाथ योगी, सुभाष सिंह, सुरेंद्र, सोमी, राकेश कुमार, सुरेंद्र पप्पू, चिपलू  और प्रताप चंद को लोक परम्परा एवं संस्कृति संरक्षण सम्मान से अलंकृत किया गया। इस दौरान गांव के लोगों ने इस विलुप्त हो चुकी परम्परा को जाना।

वहीं लोक कलाकार विश्वनाथ योगी ने ‘डंडु चंद्रौली’ लोकनृत्य परम्परा पर प्रकाश भी डाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह एक समृद्ध परम्परा रही है और आने वाली पीढिय़ों तक हस्तांतरित करने का प्रयास सभी को मिल-जुलकर करना होगा। कार्यक्रम के बाद संस्कृति मंत्रालय की ओर से कलाकारों को प्रोत्साहन राशि भी दी गई। इसके बाद कलाकारों और दर्शकों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। इस दौरान कार्यक्रम में स्थानीय प्रधान मंगला देवी, वार्ड पंच संयोगिता देवी भी उपस्थित रहीं। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं जो लोकगायन विधा को संरक्षित किए हैं उन्हें भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. विजय कुमार पुरी और भूपेन्द्र जम्वाल भूपी ने किया।

Vijay