ग्रामीणों ने बंद करवाया कंपनी का निर्माण कार्य, जानिए क्या है मामला

Monday, Feb 12, 2018 - 01:47 AM (IST)

चम्बा: चांजू नाले पर बनने वाली साढ़े 19 मैगावाट जलविद्युत परियोजना निर्माण कार्य को चांजू व देहरा पंचायत के लोगों ने बंद करवा दिया। सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ रोष रैली निकाली। इस रैली में चांजू व देहरा पंचायत के युवाओं, पुरुषों व महिलाओं ने परियोजना का निर्माण करने वाली एक कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उधर, उपमंडल प्रशासन ने लोगों के गुस्से को देखते हुए तहसीलदार चुराह एस.एस. पठानिया ने मौके पर पहुंच कर लोगों व कंपनी के बीच वार्तालाप कर मामले पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया। तहसीलदार द्वारा ग्रामीणों को समझाने के लिए उनके साथ परियोजना निर्माण स्थल पर बैठक की गई। 

ग्रामीणों ने तहसीलदार को सौंपा मांगपत्र 
ग्रामीणों ने तहसीलदार को अपना मांग पत्र सौंपते हुए कड़ी चेतावनी दी कि जब तक कंपनी उनके मांग पत्र में शामिल मांगों को पूरा नहीं करती है तब तक लोग परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने यह भी चेताया कि अगर कंपनी ने जबरन अपना निर्माण कार्य शुरू करने का प्रयास किया तो कंपनी को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, साथ ही किसी प्रकार की अप्रिय घटना के घटित होने पर कंपनी व प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार रहेगा। ग्रामीणों ने तहसीलदार को बताया कि उन्हें यह पुख्ता जानकारी मिली है कि कंपनी ने अपने इस प्रोजैक्ट निर्माण कार्य को अंजाम देने से पूर्व लीज डीड को भी अंजाम नहीं दिया है जबकि इस प्रक्रिया को कार्य शुरू करने से पहले अंजाम देना पड़ता है। लोगों का कहना है कि कंपनी कई प्रकार के सरकारी आदेशों व नियमों को अनदेखी कर रही है लेकिन निर्माण कार्य चला हुआ है।

विकास का खाका पेश करे कंपनी
स्थानीय लोगों ने तहसीलदार से यह भी मांग की कि कंपनी क्षेत्र का किस प्रकार से विकास करेगी। इसके बारे में अब तक कंपनी ने कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। ग्रामीणों का कहना था कि जिस भी क्षेत्र में कोई उद्योग व परियोजना चलती है तो वे उक्त क्षेत्र के लिए वरदान साबित होती है लेकिन चांजू नाले पर बनने वाली इस साढ़े 19 मैगावाट की जलविद्युत परियोजना का निर्माण करने वाले कंपनी क्षेत्र के विकास के लिए क्या सहयोग करेगी।

रोजगार मुख्य मुद्दा
तहसीलदार को सौंपे मांग पत्र में चांजू व देहरा पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों व संघर्ष समिति तथा ग्रामीणों का कहना था कि कंपनी स्थानीय लोगों को मजदूरी तक देने में आनाकानी कर रही है। दोनों पंचायतों में 500 के करीब परिवार हैं लेकिन 200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इस जल विद्युत परियोजना में स्थानीय लोगों को मजदूरी तक मुहैया करवाने में कंपनी सफल नहीं हो रही है। लोगों का कहना था कि जब स्थानीय लोगों को इस परियोजना निर्माण में मजदूरी तक नहीं मिल सकती है तो फिर इस परियोजना का स्थानीय लोगों को क्या लाभ है। 

क्या कहते हैं तहसीलदार 
तहसीलदार चुराह एस.एस. पठानिया ने कहा कि लोगों ने जो मांग पत्र सौंपा है उस पर कंपनी से बात की जाएगी। प्रशासन कंपनी व स्थानीय लोगों के साथ वार्तालाप करवाने का प्रयास करेगा ताकि यह मामला सुलझ सके। कंपनी के एम.डी. 22 फरवरी को यहां आ रहे हैं जिनके साथ आंदोलनकारियों की बैठक करवाई जाएगी ताकि मामले का हल निकल सके। जहां तक सरकारी कायदे-कानूनों को नजरअंदाज करने की बात है तो कंपनी के खिलाफ इस प्रकार की कुछ शिकायतें ध्यान में लाई गई हैं जिनकी जांच की जाएगी। शिकायतों के सही पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

क्या कहते हैं कंपनी के अधिकारी
पी.एम. कंपनी के मुकेश पटियाल ने बताया कि स्थानीय लोगों ने कंपनी का कार्य बंद करवा दिया है। लोग इस मांग पर अड़े हुए हैं कि जब तक कंपनी का मालिक नहीं आता है तब तक कार्य शुरू नहीं करने की बात कह रहे हैं। स्थिति को देखते हुए कार्य को बंद करने का निर्णय लिया है, जहां तक लीज डीड की बात है तो यह मामला तहसीलदार चुराह के कार्यालय में लंबित पड़ा हुआ है इसमें कंपनी की तरफ से कोई देरी नहीं हो रही है।