आग नहीं बुझाते तो मिट सकता था इस गांव का इतिहास

Sunday, Dec 11, 2016 - 11:49 AM (IST)

आनी: सोलन के आनी के गांव कराणा में 4 गऊशालाएं जलकर राख हो गईं। गांव वालों ने मिलकर आग पर काबू पाया, नहीं तो गांव कराणा का इतिहास मिट सकता था। आनी मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर गांव कराणा में अचानक 4 गऊशालाओं में आग लग गई, जिसमें गऊएं बंधी हुई थीं। इन गऊओं को तो गांव वालों की सहायता से सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया परंतु गऊशालाओं के अंदर रखा घास व कृषि संबंधी सामान स्वाह हो गया। गांव कराणा के निवासी ओम प्रकाश, हरिकृष्ण व सुरेंद्र कुमार की गौशालाएं जली हैं। नायब तहसीलदार आनी कुलदीप कुमार ने अपनी टीम सहित गांव कराणा का दौरा किया और रिपोर्ट तैयार की। 


आग पर काबू नहीं पाया होता तो जल सकता था गांव 
नायब तहसीलदार आनी कुलदीप कुमार ने अपनी टीम सहित गांव कराणा का दौरा किया और रिपोर्ट तैयार की। गांव वासियों ने बताया कि 10 लाख रुपए का नुक्सान हुआ है। ओम प्रकाश ने बताया कि गांव के लोगों ने सारे गांव का पानी एक तरफ मोड़कर आग पर काबू पाया है। गांव वासियों के सहयोग से गांव के अन्य घर आग की चपेट में आने से बचा लिए हैं। गांव कराणा एक प्राचीन व ऐतिहासिक गांव देवता शमशरी महादेव की स्थली माना जाता है। इस गांव में 80 प्रतिशत घर लकड़ी से बने हैं। आग पर काबू नहीं पाया होता तो सारा गांव जल सकता था। 


आग की घटनाएं प्रतिदिन बढ़ रही
आनी विधानसभा क्षेत्र में आग की घटनाएं प्रतिदिन बढ़ रही हैं। साल 2016 में 20 गांवों में आग लग चुकी है। आनी मुख्यालय में अग्निशमन केंद्र खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री कर चुके हैं लेकिन यह सिर्फ अभी तक घोषणा ही है। आनी के दूरदराज गांवों में जब आग लगने की घटना होती है तो अग्निशमन केंद्र रामपुर बुशहर से सहायता मांगी जाती है। 100 किलोमीटर दूर से दूरदराज क्षेत्र में आग पर काबू नहीं पाया जा सकता है। गाडिय़ों को गांव तक पहुंचने में पूरा दिन बीत जाता है।