स्कूलों व अस्पतालों के लिए की गई खरीद पर विजीलैंस जांच शुरू

Sunday, Dec 02, 2018 - 11:08 AM (IST)

सोलन (पाल): हिमफैड के क्षेत्रीय कार्यालय सोलन द्वारा सरकारी स्कूल व अस्पतालों के लिए वर्ष 2015-16 में की गई खरीद की विजीलैंस जांच शुरू हो गई है। विजीलैंस विभाग ने क्षेत्रीय कार्यालय सोलन से इस खरीद का पूरा रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। आरोप है कि हिमफैड ने 978 आइटमों को बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदा था। यही नहीं, 2.50 करोड़ रुपए की इस खरीद के लिए परचेज कमेटी का गठन भी नहीं किया गया था। हिमफैड के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक ने भी इस खरीद पर सवाल खड़े किए थे और मुख्य कार्यालय को पत्र लिखकर बताया था कि इस खरीद में नियमों की अनदेखी हुई है। इसके बाद विभागीय जांच भी हुई थी। सूत्रों का कहना है कि स्कूलों व अस्पतालों हेतु 978 आइटमों की इस खरीद के लिए 4 फर्मों ने कोटेशनें भरी थीं।

करोड़ों रुपए की इस खरीद के लिए परचेज कमेटी का नहीं किया गया गठन

हैरानी की बात यह है कि एक ही फर्म ने सभी 978 आइटमों के कम रेट भरे थे जबकि अन्य फर्म एक भी आइटम के कम रेट नहीं भर पाई। इसको लेकर भी सवाल खड़े हुए थे। विजीलैंस विभाग के अधिकारी ने भी हिमफैड द्वारा स्कूलों व अस्पतालों के लिए गई खरीद की जांच शुरू करने की पुष्टि की है। विजीलैंस को की गई शिकायत में शिकायतकर्ता हिमफैड सेवानिवृत्त कर्मचारी महासंघ के महासचिव राजेन्द्र ठाकुर का आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर करीब 2.50 करोड़ रुपए की यह खरीद हुई थी। करोड़ों रुपए की इस खरीद के लिए परचेज कमेटी का गठन नहीं किया गया। यह हैड आफिस की गाइडलाइन का उल्लंघन है। हिमाचल प्रदेश वित्त नियम 2009 के मुताबिक 3 से 10,000 रुपए तक की खरीद के लिए 3 सदस्यीय परचेज कमेटी का गठन करना अनिवार्य है। 10 नवम्बर, 2015 को 5 फर्मों से कोटेशन कॉल की गईं लेकिन गाइड लाइन के मुताबिक टैंडरों को समाचार पत्रों में विज्ञापित नहीं किया गया। 

अन्य जिलों के लिए भी की खरीद 

हिमफैड के क्षेत्रीय कार्यालय सोलन ने यह खरीद केवल जिला सोलन के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य जिला के स्कूलों व अस्पतालों के लिए भी की थी। इस खरीद में जैनरेटर का रेट 3,75,375 रुपए, एल.ई.डी. टी.वी. 52,500 रुपए, सी.टी.जी. मॉनीटर 73,250, आक्सीजन कॉन्सट्रैंट 83,000 रुपए व एल.पी.जी. गैस हीटर का 19,245 रुपए रेट कोड किया गया था जबकि बाजार में इनकी कीमत काफी कम थी। इस तरह अन्य आइटमों के रेट कोड किए गए थे। नियमों के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय संबंधित जिला के लिए खरीद करने हेतु अधिकृत था, अन्य जिलों के लिए नहीं। इस मामले में नियमों की अनदेखी हुई है। 

Ekta