पूर्व वीरभद्र सरकार में हुई बस खरीद की विजीलैंस जांच शुरू

Wednesday, May 16, 2018 - 10:59 AM (IST)

शिमला (राक्टा): पूर्व वीरभद्र सरकार में हुई बसों की खरीद मामले पर विजीलैंस जांच शुरू हो गई है। जांच एजैंसी ने बसों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा रिकॉर्ड जुटाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पूर्व सरकार में लीज पर ली गई बसों के मामले से जुड़ा रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। यदि प्रारंभिक जांच में किसी तरह की अनियमितताएं मिलती हैं तो नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। भाजपा ने अपनी चार्जशीट में उक्त दोनों मामलों को प्रमुखता से उठाया है। 


उन्होंने अपनी चार्जशीट में जे.एन.एन.यू.आर.एम. के तहत 800 बसों की खरीद में कथित तौर पर घोटाले का आरोप लगाया है। चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि ये बसें वर्ष 2013-14 में भारत सरकार से प्राप्त राशि जो 300 करोड़ रुपए के लगभग है, से क्रय की गईं। मामले की प्रारंभिक जांच के तहत विजीलैंस ने परिवहन विभाग से भी संपर्क साधा है। भाजपा ने अपनी चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया है पूर्व सरकार में हिमाचल प्रदेश के बस मालिकों को रूट न देकर बाहरी ट्रांसपोर्टरों को रूट देकर अन्याय किया गया। इसके साथ ही सरकारी खजाने को नुक्सान पहुंचाने की बात कही गई है।


वैट लीजिंग के नाम पर कथित घोटाले का आरोप
भाजपा ने अपनी चार्जशीट में वैट लीजिंग का मामला भी जोर-शोर से उठाया है। आरोप लगाया है कि पूर्व सरकार में वैट लीज पर अपने चहेतों से वोल्वो व अन्य बसें ली गई हैं। सवारियां नहीं होतीं लेकिन परिवहन निगम को पूरा किराया देना पड़ता है जिससे निगम का घाटा बढ़ा है।

Ekta