सरकार के खिलाफ वैटर्नरी फार्मासिस्टों ने खोला मोर्चा, जानिए क्या दी चेतावनी

Sunday, Sep 17, 2017 - 04:53 PM (IST)

शिमला (राजीव चौहान): हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग फार्मासिस्ट कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो आने वाले विधानसभा चुनाव का विरोध किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष दिनेश नेगी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर 60 से ज्यादा बार पशुपालन मंत्री अनिल शर्मा से और 53 बार सी.एम. वीरभद्र सिंह से मिले हैं लेकिन उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ है। उनकी मांग है कि वैटर्नरी फार्मासिस्टों के पदनाम बदले कर पंजाब की तर्ज पर इंस्पैक्टर किया जाए लेकिन सरकार का रुख सकारात्मक नहीं है। इस मांग का सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा। उनकी मांग थी कि चीफ वैटर्नरी फार्मासिस्टों का ग्रेड-पे बढ़ाया जाए। विभाग में केवल 50 चीफ फार्मासिस्ट हैं और उन्हें 600 रुपए का ग्रेड-पे मिलना है और लेकिन सरकार ने इस मांग को भी पूरा नहीं किया है। 

पंचायत पशुपालन सहायकों को अनुबंध पर लाने की मांग
इसके साथ-साथ उनकी मांग थी कि पंचायत पशुपालन सहायक को विभाग में अनुबंध पर लाया जाए लेकिन इस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया। ये पशुपालन सहायक कई सालों से विभाग में हैं लेकिन अभी तक अनुबंध पर नहीं आए हैं। विभाग में 1153 पशुपालन सहायक तैनात किए हैं और इनमें से उन सहायकों को अनुबंध पर लाने की मांग की जा रही है, जिन्हें विभाग में कार्य करते हुए 5 वर्ष से अधिक समय हो गया है। उन्होंने कहा कि महासंघ मांगों को लेकर 20 से 22 सितम्बर तक विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकार कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने अब भी उनकी मांगों पर विचार न किया तो वे कांग्रेस का विरोध करने को मजबूर होंगे।