सब्जियों के दाम आसमान पर, मंडी में ग्राहकों को ढूंढते रहे किसान

Monday, Apr 15, 2019 - 09:42 AM (IST)

सोलन : पिछले काफी समय से सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं और अभी भी सब्जियों का पारा नहीं उतर रहा है। इससे आम लोग सब्जियों से दूर होते जा रहे हैं। रविवार को पुराने बस स्टैंड के समीप लगने वाली किसान जनता मंडी में भी किसानों की आंखें ग्राहकों को ढूंढती रहीं। सब्जियों के दामों पर अब किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। अभी सब्जियां सस्ती होने की भी कोई उम्मीद नहीं है। आलू के दाम भी अब चढऩे लगे हैं। पहले आलू 8-10 रुपए प्रतिकिलो बाजार में बिक रहा था और अब इसके दाम 15 रुपए तक पहुंच गए हैं। प्याज भी 15 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है। इसके अलावा अन्य सब्जियां तो इससे भी आगे हैं और 40 रुपए प्रतिकिलो से कम कुछ भी नहीं मिल रहा है।

इस समय प्रदेश में मटर व गोभी का सीजन चल रहा है और इससे मटर के दाम थोड़े से कम हुए हैं। मटर जहां पहले 60 से 80 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा था, वहीं अब स्थानीय मटर की खेप मंडियों में आने से बाजार में मटर 40 से 60 रुपए प्रतिकिलो तक मिल रहा है। फूलगोभी भी स्थानीय किसानों के पास से आ रही है लेकिन इसके बाद भी बाजार में इसकी कीमत 40 रुपए प्रतिकिलो है जो आम तौर पर 10 से 20 रुपए किलो मिल जाती थी। इसके अलावा सभी सब्जियां बाहरी राज्यों से यहां पहुंच रही हैं और ऑफ सीजन होने के कारण इनके दाम आसमान छू रहे हैं।

ये रहे दाम

रविवार को किसान जनता मंडी में टमाटर 40 रुपए, फ्रासबीन 80 रुपए, घीया 40 रुपए, कद्दू 40 रुपए, करेला 60 रुपए, शिमला मिर्च 60 रुपए, मूली 20 रुपए, गाजर 40 रुपए, कचनार 40 रुपए, भिंडी 80 रुपए, ब्रोकली 80 रुपए, मशरूम 120 रुपए, खीरा 40 रुपए व अदरक के दाम 120 रुपए प्रतिकिलो रहे।

कम सब्जियां खरीद रहे

रविवार को लगने वाली किसान जनता मंडी में सब्जियां लेकर आए किसानों सुरेंद्र ठाकुर, राकेश, संजू व रमेश सहित अन्य का कहना है कि सब्जियों के दाम पिछले काफी समय से बढ़े हुए हैं। मटर के दाम थोड़े से कम हुए हैं और आलू के बढ़े हैं। सब्जियां महंगी होने के कारण ग्राहक भी कम आ रहे हैं। ये सब्जियां मंडी में ही महंगी मिल रही हैं जिसके कारण आगे भी महंगी बेचनी पड़ रही हैं। मटर व गोभी के अलावा सभी सब्जियां चंडीगढ़, पटियाला व दिल्ली की मंडियों से आ रही हैं। सब्जियों की पैदावार कम होने के कारण इनके दाम काफी अधिक बढ़े हैं। इसके कारण आम आदमी कम ही सब्जियां खरीद रहे हैं।

 

kirti