वेदव्यास की जन्मभूमि शिवनगरी में हुई तब्दील
punjabkesari.in Thursday, Mar 11, 2021 - 01:43 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश गौतम) : महर्षि वेदव्यास की जन्मभूमि बिलासपुर वीरवार को शिवनगरी में तब्दील हो गई। नगर के मुख्य स्थानों पर स्थित मंदिरों में सुबह से ही श्रद्वालु पूजा अर्चना करते दिखाई दिए। नगर के सुप्रसिद्व श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की बात करें तो यहां पर जिला का सबसे बड़ा शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। यहां पर भगवान शिव की भक्ति में रंगा दिखा। भोले बाबा के दर्शन के लिए सुबह से शाम तक मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी। इस दौरान मंदिर भोले बाबा के जयकारों से गूंजायमान रहे। शिवरात्रि के मौके पर भारी संख्या में मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालुओं ने शिव की पूजा-अर्चना की। महाशिवरात्रि पर्व पर सभी मंदिरों को रंग-बिरंगे फूलों व लाइटों के साथ विशेष रूप से सजाया गया था। श्रद्धालुओं के उपवास होने के चलते मंदिरों में फलाहार के भंडारे लगाए गए। जिला मुख्यालय में स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर दोपहर के समय शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी। इसमें विभिन्न धार्मिक संस्थाओं ने विभिन्न झांकियां प्रस्तुति मुख्य केंद्र रहेंगी।
इसके अलावा शिव मंदिर कंदरौर, घुमारवीं, बच्छरेटू, बाबा बालक नाथ मंदिर बद्धाघाट, श्री नयना देवी जी के नमेला, खबड़ी माता मंदिर बरठीं, नरसिंह ठाकुर द्वारा मंदिर, झबोला शिव मंदिर, मार्कंडेय शिव मंदिर शिवधाम पन्याला सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा करने सहित शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित किए। वहीं, महाशिवरात्रि पर्व पर बिलासपुर.बंदला मार्ग पर स्थित श्री गोपाल मंदिर दनोह में फलाहार का भंडारा लगाया गया। शहर के अधिकतर श्रद्धालुओं व युवाओं ने मंदिर में पहुंचकर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। पहाड़ी पर स्थित व श्रद्धालुओं से भरा यह मंदिर शाम के समय अलग की छटा बिखेर रहा था। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिरों में भजन संध्याओं का आयोजन भी किया गया। इसमें कलाकारों ने भगवान शिव के भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को खूब झूमाया। इस दौरान विभिन्न झांकियां प्रस्तुत की गई। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में शिव विवाह प्रस्तुत किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। वहीं, शुक्रवार को नगर के लक्ष्मी नारायण मंदिर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा।