Valentine's Day Special: पति के साथ दफन होने के लिए 38 साल मौत का इंतजार (Video)

Thursday, Feb 14, 2019 - 03:50 PM (IST)

नाहन (सतीश): वैलेंटाइन डे के अवसर पर आज हम आपको एक ऐसे अमर प्रेम की कहानी बताने जा रहे हैं जहां एक महिला ने अपने पति के साथ दफन होने के लिए करीब 38 साल मौत का इंतजार किया। बताया जाता है कि ऐतिहासिक शहर नाहन के इतिहास के पन्नों में एक ऐसी अद्भुत व अमर प्रेम कहानी भी है, जो आज अपने आप में मिसाल है।

रियासतकाल में एक अंग्रेज अफसर की पत्नी ने अपने पति की बगल में दफन होने के लिए 38 साल मौत का लंबा इंतजार किया। यहां जिक्र लेडी लूसिया पियरसाल का हो रहा है। लूसिया अपने पति डा. इडविन पियरसाल के साथ यहां पहुंची थीं। डा. इडविन पियरसाल का निधन हो गया महाराजा ने डा. पियरसाल को मिलिटरी ऑनर के साथ ऐतिहासिक विला राऊंड के उत्तरी हिस्से में दफन किया और यह जगह पियरसाल ने खुद चुनी थी और कहा था उन्हें यहां दफनाया जाए। उस वक्त लूसिया 49 साल की थीं।

उसने इच्छा जताई की उनको भी उनके पति की कब्र के साथ ही दफन किया जाए। डा. पियरसाल ने महाराजा के यहां करीब 11 साल अपनी सेवाएं दीं और 19 नवंबर 1883 में डा. इडविन का 50 साल की आयु में इंतकाल हो गया। डा. पियरसाल की भांति लूसिया भी एक रहम दिल और रियासत में लोकप्रिय महिला के तौर पर विख्यात थीं। कहते हैं कि पति की मौत के बाद लूसिया वापस इंगलैंड नहीं गईं। अपने अन्य परिवार के सदस्यों को भी छोड़ दिया। 1885 में लूसिया ने भारी-भरकम रकम खर्च करके अपने पति की कब्र को पक्का किया, क्योंकि वह अपने पति डा. पियरसाल से बेपनाह मोहब्बत करती थीं।

ऐसे में लूसिया ने पति की बगल में दफन होने के लिए 38 साल मौत का इंतजार किया। 19 अक्तूबर 1921 को वह घड़ी आई जब लूसिया का इंतजार खत्म हुआ और अपने पति को याद करते हुए उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लूसिया की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए महाराजा ने सम्मान सहित लूसिया को भी उसके पति डा. पियरसाल की कब्र की बगल में दफनाया। आज भी विला राऊंड स्थित कैथोलिक कब्रगाह में इस पियरसाल दंपति के अमर प्रेम की कहानी बयां करती वास्तुकला से परिपूर्ण कब्रें आने-जाने वालों को आकर्षित करती है।

Ekta