यहां बर्तन धोने के लिए हो रहा गंदे पानी का इस्तेमाल, होटलों-ढाबों से गायब होने लगी साफ-सफाई

Thursday, Sep 06, 2018 - 09:08 AM (IST)

कुल्लू : शहर के अधिकांश होटलों व ढाबों से साफ-सफाई गायब होने लगी है। विभागीय कार्रवाई व जुर्माने के डर से बेखौफ दुकानदार भी खाने-पीने की चीजों को बेचने से पहले निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ हो रहा है। इन दिनों ढालपुर में इस तरह का नजारा आम देखा जा सकता है, जहां नगर परिषद द्वारा खाने-पीने की चीजों के लिए स्टाल व ढाबे लगाने के लिए स्थान तो चिन्हित किया गया है लेकिन उक्त स्टालों व रेहड़ी-फडिय़ों में स्वच्छता के नाम पर कुछ खास नजर नहीं आ रहा है।

कुछ स्टाल तो ऐसे भी हैं जहां खुले में रखा गया चिकन अन्य स्थानों की अपेक्षा सस्ते में बेचा जा रहा है। गौरतलब है कि उक्त स्टालों व रेहड़ी-फडिय़ों के साथ ही अस्पताल-कालेज सड़क गुजरती है, जहां दिनभर वाहनों का आना-जाना लगा रहता है, ऐसे में वाहनों से उडऩे वाली धूल सीधे खुले में रखी गई खाद्य सामग्री को दूषित करती है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह कई दुकानदार पैसे लेकर लोगों को दूषित चीजें परोस रहे हैं। विभाग द्वारा इस ओर ध्यान न देने का खमियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है। यही हाल लोअर ढालपुर स्थित कई ढाबों का भी है, जहां विभाग के हरकत में आने के बाद ही साफ-सफाई देखने को मिलती है।

शहर में कई दुकानों में खाने-पीने की वस्तुएं ढक कर नहीं रखी हैं और इन पर मक्खियां भिनभिना रही हैं, वहीं शौचालय के पास ही खाने-पीने का सामान व जूस आदि लोगों को जूस परोसा जा रहा है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। कई जगह टी स्टालों और खाने-पीने की अन्य दुकानों के पास ही कूड़ा-कचरा डंप किया गया है। 
पर्यटन स्थल होने के कारण कुल्लू शहर में जगह-जगह बाहरी राज्यों से आए लोग रेहड़ी लगाकर गोलगप्पे बेचते हुए नजर आते हैं। सैंपल चैकिंग के अभाव में उक्त प्रवासी दुकानदार मिलावट करने से पीछे नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो मुनाफे के चक्कर में गोलगप्पे के पानी को अधिक खट्टा करने के लिए उसमें कुछ बूंदें कैमिकल की प्रयोग में लाई जाती हैं जोकि स्वास्थ्य के हानिकारक हैं। 

kirti