फसल बीमा पोर्टल पर किसानों का डाटा अपलोड करना भूले बैंक

Tuesday, Mar 20, 2018 - 12:42 PM (IST)

शिमला : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा संशोधित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों व बागवानों का डाटा केंद्र सरकार के फसल बीमा पोर्टल पर अपलोड न किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि किसानों को योजना का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है।उन्होंने कहा कि डाटा अपलोड न होने से केंद्र सरकार से बीमा राशि प्राप्त नहीं हो रही है। उन्होंने बैंकों से यह डाटा एक सप्ताह के भीतर ऑनलाइन या ऑफलाइन अपलोड करने को कहा, अन्यथा बीमा राशि की रिकवरी संबंधित बैंक प्रबंधकों से की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत कवरेज केवल 14 प्रतिशत है और दावे भी बहुत कम हैं। डा. बाल्दी सोमवार को शिमला में राज्य स्तरीय बैंकर समिति की 147वीं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में की गई प्रमुख घोषणाओं पर भी चर्चा की।

आगामी 31 मार्च तक शत-प्रतिशत खातों को आधार से जोड़ा जाए
उन्होंने कहा कि सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 250 करोड़ रुपए बजट के साथ नई योजना जल से कृषि को बल की घोषणा की गई है। इसके अतिरिक्त 2 अन्य योजनाएं बहाव सिंचाई और सौर सिंचाई को शुरू किया गया है। डा. बाल्दी ने भू-अभिलेखों को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैंकों से आह्वान किया कि आगामी 31 मार्च तक शत-प्रतिशत खातों को आधार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बीमा दावों का निपटारा समयबद्ध किया जाना चाहिए। इसी प्रकार अटल पैंशन योजना में कम नामांकन पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की है। उन्होंने लोगों से नकदी मुक्त भुगतान के लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जा रहीं विभिन्न सेवाओं को डिजिटल उत्पादों का उपयोग करने की अपील की। इस मौके पर प्रदेशभर से बैंक अधिकारियों के अलावा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, निगमों, बोर्डों, बैंकों व बीमा कंपनियों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैंकों ने पूरा किया 80 प्रतिशत लक्ष्य
यूको बैंक के प्रबंध निदेशक आर.के. ठक्कर ने बताया कि राज्य में व्यवसाय लगभग 6 प्रतिशत की वाॢषक दर की वृद्धि के साथ दिसम्बर, 2017 में 1.42 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। इसी प्रकार जमा और अग्रिम क्रमश: 1.5 लाख करोड़ और 37,136 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। बैंकों द्वारा दिसम्बर, 2017 की अंतिम तिमाही के दौरान 4,39,310 नई इकाइयों को 13,265 करोड़ रुपए ताजा ऋण संवितरित किए गए और बैंकों ने वाॢषक ऋण योजना 2017-18 के तहत अपने लक्ष्य के अंतर्गत 80 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त कर ली है।

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