यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही से अपाहिज हुआ छात्र, अब जिदंगी की लड़ रहा जंग

Friday, Mar 30, 2018 - 05:27 PM (IST)

फतेहपुर (जिनेश): प्रदेश में चल रहे निजी विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों को गुणात्मक शिक्षा के दावे करके बच्चों के अभिभावकों से फीस के रूप में मोटी रकम वसूली जाती है। ऐसा ही कुछ कांगड़ा जिला में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में देखने को मिला है। जहां छात्रों की बेहतर सुरक्षा के दावों की पोल खुल गई है। दरअसल यहां कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के चलते एक छात्र अपाहिज अवस्था में जिदंगी की लड़ाई लड़ रहा है। इस विश्वविद्यालय में फरवरी माह में होली के अवसर पर एक कार्यक्रम के आयोजन के समय छात्र साहिल ठाकुर मटकी तोड़ प्रतियोगिता में भाग लेते हुए नीचे गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोट लग गई। 


हैरानी की बात यह है कि कॉलेज प्रशासन ने न तो उसे अस्पताल पंहुचाया और न उसके अभिभावकों को सूचित किया। घायल छात्र को उसके सहपाठी ही अस्पताल लेकर गए। इसे विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। साहिल ठाकुर निवासी मझार फतेहपुर के पिता निर्मल सिंह पठानिया ने इस घटना के लिए कॉलेज प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पहले तो ऐसी खतरनाक गेम को खिलाया गया, जिसमें साफ तौर पर चोट लगने का खतरा था। उसके बाद उनके बच्चे को गंभीर चोट लगी, लेकिन उन्होंने गंभीरता से नंहीं लेते हुए उनके घायल बच्चे को 2 छात्रों के सहारे पठानकोट अस्पताल भेज दिया। 


उन्होंने दुख इस बात का है कि इतना बड़ा विश्वविद्यालय है। यहां हजारों बच्चे पढ़ रहे उनकी सुरक्षा कैसे संभव है। इस बारे विश्वविद्यालय के बाइस चासंलर एस सी वर्मा ने कहा कि उन्होंने इस गेम को खेलने की स्वीकति नहीं दी थी। फिर भी यह गेम कैसे खेली गई उसकी जांच की जा रही है। वहीं उन्होंने माना कि घायल छात्र के अभिभावकों को सूचना देनी में देरी हुई। क्योंकि डे स्कोलरों के नम्बर ऑफिस में होते हैं जबकि उस समय वह बंद हो चुका था। उन्होंने माना कि घायल छात्र को उसके सहपठियों के द्वारा अस्पताल ले जाया गया था लेकिन कुछ ही देर में विश्वविद्यालय के अध्यापक पठानकोट पंहुच गए थे।  

Ekta